आगरा। 2 मई को आगरा जनपद में आए तूफान ने कोहराम मचा दिया था। इस तूफान के चलते कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया तो कइयों के बच्चों की जान ही चली गई।
ऐसे पीड़ित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक सहायता राशि ₹4 लाख रुपए भी दी गई थी।
पीड़ित परिवारों को प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक सहायता तो मिल गई लेकिन ₹4 लाख की आर्थिक सहायता का चेक उनके लिए सिर्फ एक कागज साबित होता चला जा रहा है।
क्योंकि कई पीड़ित परिवारों के बैंक में अकाउंट नहीं है। जिसके चलते वह इस चेक को बैंक में नहीं डाल सकते ।
लेकिन जो लोग बैंक में खाता खुलवाने की कोशिश कर रहे हैं। बैंक के नुमाइंदे उन पीड़ित परिवारों को डांट फटकार कर भगा रहे हैं।
ऐसा ही कुछ मामला पिनाहट में देखने को मिला। पिनाहट की SBI बैंक में एक पीड़ित किसान पिछले 15 दिनों से खाता खुलवाने के लिए चक्कर लगा रहा है ।
लेकिन SBI बैंक के मैनेजर ने इस पीड़ित किसान की मदद तो नहीं की बल्कि हद दर्जे की अभद्रता कर डाली।
पीड़ित परिवार को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बैंक से बाहर निकाल दिया। किसान से बैंक मेनेजर ने यह कह दिया कि तेरा खाता यहां नहीं खुलेगा।
पीड़ित किसान ने बैंक अधिकारी के इस व्यवहार की शिकायत SDM से की है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है।
पीड़ित किसान ने बताया कि 2 मई को आए तूफान में दीवार गिरने से उसकी बच्ची की मौत हो गई थी। जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें ₹4 लाख का आर्थिक सहायता का चेक क्षेत्रीय विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने दिया था।
लेकिन बैंक के मैनेजर खाता खोलने को तैयार नहीं है। जिसके कारण वह परेशान है। क्योंकि चेक की समय सीमा अगर निकल गई तो उसे यह आर्थिक राशि भी नहीं मिलेगी और अपनी बच्ची तो वह पहले ही खो चुका है।
फिलहाल प्रशासन को चाहिए कि पिनाहट के SBI बैंक मैनेजर के खिलाफ उचित कार्रवाई कर पीड़ित किसान को इंसाफ दिलाएं और उसका खाता बैंक मैं खुलवाएं।