आगरा। आये दिन बैंक से पैसा निकालकर घर जाने वाले लोगों के साथ लूटपाट की घटनाओं में वृद्धि होने के बाद से कैशलेस ट्रांजेक्शन पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है लेकिन कैशलेस ट्रांजेक्शन भी अब सुरक्षित नही है। अगर आपने किसी अनजान व्यक्ति को चैक नहीं दिया है फिर भी आपके एकाउंट से पैसा निकाल सकता है। जी हां, शहर में साइबर सेल ने ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी समेत अन्य कंपनियों के बैंक खातों से करीब 40 करोड़ रुपये उड़ाने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने 498 चेक का डाटा भी एकत्रित कर लिया था।
डीआईजी आगरा की साइबर सेल ने चैक क्लोनिंग गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता के दौरान इसकी पूरी जानकारी दी है। एसपी सिटी प्रशांत कुमार ने बताया कि डीआइजी की साइबर सेल ने गैंग के सदस्य प्रशान्त, अंकित निवासी पटियाली जिला कासगंज और पवन निवासी बुंदु कटरा, सदर को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से चैक क्लोनिंग करने के ट्रेसिंग मशीन लेपटॉप और 25 चैक की फ़ोटो मिली है। इन आरोपियों से 11 मोबाइल, लेपटॉप, प्रिंटर, स्केनर, फर्जी बैंको की मोहर मिली है। पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर जेल भेज दिया।
फर्जी चैक से पैसा निकालने की शिकायत 2017 में एसई इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी ने की थी। इस कंपनी के दो चैक से भुगतान हो गया था जबकि वो चैक कंपनी के अधिकारी के पास थे। इसकी शिकायत डीआईजी आगरा की गई थी। पिछले दिनों इस गिरोह के सदस्य ने हाल ही में 55.95 और 45.50 रुपये लाख के क्लोन चैक बैंक में लगाये थे। बैंक अधिकारियों की सूझबूझ से इनका भुगतान रोक गया और इसकी जानकारी एसई इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी को दी गयी। डीआइजी साइबर सेल ने जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया। इसमे से एक आरोपी प्राइवेट नौकरी कर पैसा लाने का काम करता था वो ही चैक की फ़ोटो खींचकर अपने साथियों को भेज दिया करता था। फिर इसका क्लोन बनाकर पैसा निकाल लेते थे।
शातिर विभिन्न राज्यों के बैंकों में ये क्लोन चैक लगाने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साइबर सेल ने शातिरों को हिरासत में ले लिया। सूत्रों के अनुसार शातिरों से पूछताछ में पुलिस और बड़े मामले का खुलासा कर सकती है।