मथुरा:=आगरा की एंटी करप्शन टीम ने मथुरा के सीडीपीओ कार्यालय पर छापामार कार्यवाही को अंजाम देकर सीडीपीओ नीरज सिंह को दस हज़ार की रिस्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। एंटी करप्शन विभाग की कार्यवाही से कार्यालय में हड़कंप मच गया। एंटी करप्शन टीम ने नीरज सिंह को हिरासत में लेकर कार्यवाही सुरु कर दी है।
बताया जाता है कि पिछले दिनों मथुरा माट नोहझील के विजयगड़ी में संचालित आगनवाड़ी पर प्रशासन ने कार्यवाही की थी जिसमे कई खामिया मिली थी। इन खामियों के चलते आगनवाड़ी केंद्र संचालिका अनीता को हटा दिया था और अनीता के खिलाफ जांच के आदेश कर दिए थे। प्रशासन ने इस आगनवाड़ी केंद्र का चार्ज विजयगडी के आंगनबाड़ी केंद्र पर सहायिका पद पर तैनात मिथलेश पत्नी वीरेंद्र चौधरी कोे सोंप दिया गया। मिथलेश का कहना था कि पहले ही दिन से सीडीपीओ द्वारा अकारण परेशान किया जा रहा था। कार्यवाही ना करने के लिए नीरज लगातार दस हजार रुपए की मांग की जा रही थी। ये बात मिथलेश ने अपने पति वीरेंद्र से कही तो उन्होने मामले को गंभीरता से लेते हुए एन्टी करप्शन विभाग के अधिकारियो से शिकायत की। जिसके एंटी करप्शन टीम ने मिथलेश के साथ मिलकर जाल बिछाया। मिथलेश दस रुपए लेकर दोपहर दो बजे के करीब सीडीपीओ माट नीरज के पास पहुची। मिथलेश ने जैसे ही रुपये सीडीपीओ को दिए। तुरंत ही एंटी करप्शन की टीम ने छापामार कर रंगे हाथ पकड़ लिया। और आगरा ले गए।
कुछ लोगों का कहना था कि नीरज सिंह को साजिश के तहत फसाया गया। आपको बता दे कि इनकी तैनाती ढाई साल पहले राया एडिश्नल बलदेव मथुरा में थी। इसके बाद माँट मथुरा में हो गई।
रिपोर्ट जीवनदीप कल्यान