आगरा। यमुना की तलहटी को पाटकर निर्माण करने वालों पर एनजीटी ने चाबुक चलाते हुए कार्यवाही के आदेश दिए थे लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अटक गया था। एक बार फिर एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन और एडीए ने गणपति बिल्डर के निर्माण पर महाबली चला एनजीटी के आदेशों को अमलीजामा पहनाया।
एसीएम 2 और आगरा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एडीए की टीम मय फ़ोर्स के दयाल बाग स्थित गणपति वंडर सिटी पहुंची। जहां डूब क्षेत्र में बनाये गए 81 फ्लैट्स को ध्वस्त करने की कार्यवाही के लिए जैसे ही अधिकारी पोक लेन मशीन और जेसीबी लेकर पहुंचे। गणपति बिल्डर के मालिक निखिल अग्रवाल और उनके लोगों ने अधिकारियों से कार्यवाही न करने की गुहार लगाई। बातों बातों में तीखी नोक झोंक भी हुई लेकिन अधिकारी कार्यवाही का मन बन चूके थे। लिहाजा किसी की एक न चली और महाबली ने देखते ही देखते फ्लैट्स को जमींदोज करना शुरू कर दिया
एडीए चीफ इंजीनियर सतेंद्र नागर और एसीएम अमरीश कुमार बिंद ने बताया कि मामला लंबे समय ये लंबित था। एनजीटी के आदेश मिलते ही आज ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है। अगर 81 फ्लैट्स सूर्यास्त तक नहीं टूटे तो कल फिर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
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