- माधवी अग्र महिला मंडल ने आयोजित किया 23 वां माधवी बेटियों का मायका कार्यक्रम
- दो दिवसीय आयोजन में 50 से अधिक बेटियों को दिया गया मायके का लाड़
आगरा। कैसी घड़ी आई है, दुख है जुदाई है…देख बेटी की विदाई हर आंख भर आई है…मन में स्नेह अपार, हृदय में गृहस्थी चलाने की सीख और हाथाें में प्रेम के उपहार, चल दीं बेटियां मायके से ससुराल।
अनोखे प्रेम के अनोख दृश्य का साक्षी बना लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन जहां माधवी अग्र महिला मंडल ने सजाया था 23 वां माधवी बेटियों (अनाथ) का मायका। दो दिवसीय आयोजन का गुरुवार को बेटियों की विदाई के साथ समापन हुआ।
मुख्य अतिथि नीतेश अग्रवाल, शकुन बंसल, अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल, सचिव उषा बंसल और कोषाध्यक्ष आभा जैन, कैप्टन शीला बहल ने सभी बेटी− दामादाें और धेवते धेवतियों को यथा संभव उपहारों की सौगात और आशीर्वाद देकर विदा किया। साथ साथ में सीख दी कि कभी न सोचें कि वे अनाथ हैं, उनका वृहद माधवी मायका सदैव उनके साथ है। सभी धेवते और धेवतियों ने अपनी नानियों के साथ नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए गीत पर जमकर मस्ती की।
कार्यक्रम संयोजिका नमिता गोयल ने बताया कि माधवी मायका आयोजन में 50 से अधिक बेटियों ने सहभागिता की। विभिन्न राज्यों और शहरों से बेटियां मायके बुलाई गई थीं। बीती रात सभी सदस्याओं ने मायके में प्रवास कर रहीं बेटियों से उनका हालचाल जाना और भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। विदाई के अवसर पर सचिव उषा बंसल ने लाडो आती जाती रहा करो गीत गाकर सभी की पलकें भिगो दीं।
आयोजन की व्यवस्थाएं संरक्षक रजनी अग्रवाल, माधवी, मीनू, सुशीला, वंदना, मधु, संगीता, पूनम, शशि अग्रवाल, शिल्पी, श्वेता, अर्चना, निर्मल, कुसुम, सपना, ममता, बबिता, पद्मा, काजल, अनुराधा, सोनी ने संभालीं।