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पीएम मोदी से मिलने के लिए हैदराबाद से दिल्ली तक साइकिल यात्रा पर निकली ये महिला शिक्षक, जाने क्यों

by admin
Why these female teachers set out on a cycle trip from Hyderabad to Delhi to meet PM Modi

Agra. मन में संकल्प और दृढ़ निश्चय के साथ अगर आप किसी कार्य को करने में जुट जाते हैं तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी। इन्ही पंक्तियों को चरितार्थ करने के लिए हैदराबाद के एक छोटे से गांव की एक शिक्षिका गौ माता की रक्षा और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए साइकिल से दिल्ली के लिए निकली है। आगरा शहर में इस शिक्षिका के आगमन पर गौरक्षा क्रांति दल के पदाधिकारियों ने जोरदार शिक्षिका का जोरदार स्वागत किया और शिक्षिका के इस संकल्प की सराहना की।

हैदराबाद से दिल्ली की दूरी लगभग 2000 किलोमीटर की होगी लेकिन शिक्षिका ने अपने संकल्प को पूरा कराने व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए इस दूरी को साइकिल से ही तय करने का निश्चय किया और 16 नवंबर को साइकिल यात्रा करते हुए 22 दिसंबर के साथ तक वह आगरा पहुंच गई। आगरा पहुंचने पर गोरक्षा क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत कर उनके विश्राम की व्यवस्था की। इस दौरान हैदराबाद से साइकिल यात्रा करती हुई आई शिक्षिका मालती लता पत्रकारों से भी रूबरू हुई।

शिक्षिका मालती लता ने बताया कि तेलंगाना में हिंदुओं की स्थिति ठीक नहीं है। मंदिरों को भी तोड़ा जाता है और विवादास्पद स्थिति बनी रहती है। वहां भी स्थिति सामान्य हो, सभी भाईचारे के साथ रहे, इसलिए वह अपने तीन मांगों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए निकली हैं। अपने गांव से दिल्ली तक लगभग 2000 किलोमीटर का सफर वह साइकिल से ही तय करने वाली हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सबसे पहली मांग हिंदुओं पर अत्याचार बंद हो, गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, गौ माता और मंदिरों की सुरक्षा हो, हर घर में एक गाय अवश्य होनी चाहिए।

शिक्षिका मालती ने बताया कि जब उन्होंने अपनी इस सफर और अपनी मांगों को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की बात लोगों को बताई और साथ चलने के लिए आग्रह किया तो सभी लोग डर के कारण पीछे हट गए और साथ चलने का साहस भी नहीं जुटा पाए लेकिन वह अपने इस संकल्प को पूरा होता हुआ देखना चाहती हैं, इसीलिए वह अकेले ही इस सफर पर निकली हैं।

इस दौरान गोरक्षा क्रांति दल के पदाधिकारियों का कहना था कि शिक्षिका की मांगों से वह भी सहमत हैं। उनकी ओर से भी काफी समय से गौ माता की सुरक्षा और गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की मांग की जा रही है। शिक्षिका मालती के सफ़र से उनकी इस मांग को भी बल मिलेगा। शिक्षिका ने गौ रक्षा और गाय माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और मंदिरों की सुरक्षा के लिए जो कदम और जो सफर शुरू किया है वह सराहनीय हैं।

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