आगरा में अजब पुलिस की गजब कहानी आपको दिखा रहे हैं। दरअसल मामला एक हत्याकांड के खुलासे का है। 15 दिसंबर 2018 थाना क्षेत्र सिकंदरा, होली पब्लिक स्कूल के पास प्रॉपर्टी डीलर बबलू यादव को दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया गया था। दो बाइकों पर सवार चार हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया था।
इस मामले में सिकंदरा पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। मगर पूरे 9 महीने तक परिवार को न्याय नहीं मिला। 9 महीने तक परिवार ने न्याय पाने के लिए एसएसपी के यहां 15 बार अनशन किया। 10 बार धरना प्रदर्शन किया और एक बार आत्मदाह की कोशिश भी की। बार-बार एसएसपी दफ्तर से परिवार के लोगों को आश्वासन मिला कि बबलू यादव के परिवार को न्याय मिलेगा और सही हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे। परिवार की इस लड़ाई में शामिल पुलिस दबाव में आ चुकी थी। यही वजह थी कि शनिवार को सिकंदरा पुलिस ने नाटकीय अंदाज में आगरा के बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर बबलू यादव हत्याकांड का खुलासा करते हुए पांच लाख की सुपारी किलर और शार्प शूटर को जेल भेज दिया।
जनपद फिरोजाबाद के सतवीर और दीपू को जेल भेजने के बाद ताजनगरी की खाकी अपनी पीठ थपथपा रही थी। इस घटनाक्रम में चार आरोपियों को फरार बताया जा रहा है। मगर शायद खाकी को यह मालूम नहीं है कि जिस परिवार के बेटे की हत्या हुई। जिस परिवार ने 9 महीने तक खाकी के लिए संघर्ष किया और न्याय के लिए अनशन से लेकर धरना-प्रदर्शन और आत्मदाह की कोशिश की। उस परिवार को आखिर कैसे संतुष्टी मिलेगी कि उसके बेटे को मौत की नींद सुलाने वाले सत्यवीर और दीपू ही है। बबलू यादव के परिजनों ने पूरी पोल खोल के रख दी है। सच्चाई जानने के लिए हमारे संवाददाता बबलू के परिजनों से मिले।
बबलू की मां, बबलू की बहन और बबलू के पिता कैमरे के सामने बेबाकी से बोल रहे हैं कि हां सच यही है कि खाकी ने दबाव में उनके बेटे की हत्या का गलत खुलासा किया है। जिन लोगों ने उनके बेटे को मौत की नींद सुलाया वह सलाखों के बाहर हैं। यही वजह है कि परिवार को अब चिंता सता रही है कि फरार हत्यारोपी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को और निशाना ना बना दें।
इतना ही नहीं 15 दिसंबर 2018 जब बबलू यादव को मौत की नींद सुलाया गया। पुलिस पर उस वक्त सीसीटीवी फुटेज भी है जिसमें दो बाइक पर सवार चार हत्यारे दिखाई दे रहे हैं। परिजनों का गंभीर आरोप है कि थाना सिकंदरा में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर ने डेढ़ लाख रुपए में अपना जमीर बेच दिया था। यही वजह थी कि आज तक सही हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाए।
मटक बबलू यादव की मां, मृतक बबलू यादव की बहन के अलावा बबलू यादव के पिता को भी पुलिस की इस कहानी में झोल नजर आ रहा है। मृतक बबलू यादव के पिता ने कहा कि पुलिस ने दो आरोपियों को जेल भेजकर 9 महीने की मेहनत पर पानी फेर दिया। सही हत्यारे आज भी सलाखों के पीछे नहीं है। मृतक बबलू यादव के परिवार और नाते रिश्तेदार पुलिस के इस खुलासे से कतई संतुष्ट नहीं है।
सवाल इस बात का है कि अगर पुलिस ने सही खुलासा किया और सही हत्यारोपी सलाखों के पीछे पहुंचाया तो जो हत्यारोपी आज जेल गए हैं वहीं हत्यारोपी जून 2019 में इसी थाने में बंद हुए थे। तब पुलिस ने खुलासा क्यों नहीं किया। सवाल इस बात का भी है जब सही हत्या आरोपियों को जेल भेजा जा रहा था तो बबलू यादव के परिवार के लोगों से आमना सामना क्यों नहीं कराया गया। मगर बबलू यादव के परिवार के लोग इस खुलासे से संतुष्ट नहीं है और इस लड़ाई को और आगे लड़ने की बात कह रहे हैं।