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चारों ओर पानी ही पानी, ऊंचे टीले पर पर ग्रामीणों ने ली शरण

by admin

आगरा। चंबल नदी में बाढ़ से हर ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है। जहाँ देखो सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। चंबल नदी खतरे के निशान 132 मीटर से तीन मीटर ऊपर यानी 135 मीटर ऊपर बह रही है। नदी का यह विकराल रूप ग्रामीणों को डरा रहा है। तटवर्ती गांवों में पानी घुस गया है और लोग सामान समेट पलायन करने को मजबूर है। पीड़ित लोगों ने टीले व अन्य स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है। काफी गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। मंगलवार सुबह चंबल नदी का जलस्‍तर बढ़कर 135.50 तक पहुंच गया है।

लगातार चंबल में बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। बाढ़ के पानी से घिरे गांवों के लिए आवागमन को स्टीमर की व्यवस्था कर दी गयी है। यहां स्टीमर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। कोटा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से चंबल का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर पहुंच गया है। ये हालात तब हैं जब शनिवार रात को कोटा बैराज से छोड़ा गया 680776 क्यूसेक पानी अभी पिनाहट क्षेत्र में नहीं पहुंचा है। इसके पहुंचने के बाद स्थिति और भी विकराल हो जाएगी। प्रशासन ने बाह के गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गढ़ा, झरनापुरा, डालपुरा, शिवलालपुरा के लिए स्टीमर का संचालन शुरू करा दिया है। इसी से राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इन गांवों में पानी मकानों, झोपड़ियों और दुकानों के अंदर घुस गया है।

इतना ही नही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए जिला प्रशासन जंगल में जेसीबी के माध्यम से रास्ता बनाने में जुट गया है जिससे एक आम रास्ता बन सके और लोगों को बाहर निकाला जा सके। इतना ही नही पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुँचायी जा सके।

एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची

चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगा दिया गया है। जिससे किसी भी तरह की आपदा या विपरीत स्थिति से निपटा जा सके।

ग्रामीणों ने टीलों पर ली शरण

तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद पुरा उमरैठा, बीच का पुरा, कछियारा, डोगोहरा के ग्रामीणों ने दूर टीलों पर जाकर शरण लेना शुरू कर दिया है। इतना ही नही कुछ लोग गांवों से पलायन कर अपनी रिश्तेदारी में पहुंच गए हैं तो कुछ ने बाजारों की ओर रुख किया है।

राहत कार्यो में लगाए चार स्टीमर

चंबल नदी का रौद्र रूप देखते हुए जिला प्रशासन ने चार स्टीमरों को लगाया गया है और इनसे राहत व बचाव कार्य किया जा रहा है। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा के अलावा गुढ़ा, झरनापुरा और भगवानपुरा के लिए यह व्यवस्था की गई है। इतना ही नही नदी के दो किलोमीटर दायरे में आने वाले खेतों की फसलों तक चंबल की बाढ़ पहुंच चुकी है। इससे आसपास के तमाम खेतों में पानी भर गया है और फसल जलमग्न है।

गांव की बत्ती गुल
पिछले तीन दिन से बाह के गांव गोहरा, रानीपुरा, गुढ़ा, पुरा उमरैठा, झरनापुरा, डालपुरा आदि गांवों में बिजली काट दी गई है। रात के समय यहां के ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

136 मीटर पर पहुंच जाएगी चंबल नदी

कोटा बैराज से नौ सितंबर से लगातार छोड़े जा रहे पानी से चंबल नदी अपने पुराने रिकार्ड की ओर बढ़ रही है। इसका कुल डिस्चार्ज बढ़कर 709050 क्यूसेक हो गया है। सोमवार दोपहर दो बजे कोटा बैराज से 676072 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। सिंचाई विभाग का अनुमान है कि यह पानी बाह, पिनाहट क्षेत्र में पहुंचा तो नदी का जलस्तर 136 मीटर तक हो जाएगा। ऐसे में अधिकारी भी हर पल सजग बने हुए हैं। 

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