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पूर्व विधायक डॉ धर्मपाल के भाजपा में शामिल होने पर जारी है हंगामा, पदाधिकारी मनाने में जुटे

by admin
Uproar continues after former MLA Dr Dharampal joins BJP, officials are busy celebrating

Agra. पूर्व विधायक डॉ धर्मपाल भाजपाई क्या हुए भाजपा में ही भूचाल आ गया है। कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा है। जैसे ही बुधवार को भाजपा नेतृत्व में डॉ धर्मपाल को पार्टी की सदस्यता दिलाई और पार्टी में शामिल कराया एत्मादपुर विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ता ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर पहुंच गए जमकर प्रदर्शन हुआ अपना आक्रोश व्यक्त किया गया। जैसे तैसे मामले को शांत कराया गया लेकिन गुरुवार को यही स्थिति ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर एक बार फिर देखने को मिली। आक्रोशित कार्यकर्ता ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर डॉ धर्मपाल के पार्टी में शामिल होने पर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे।

बुधवार को हुए प्रदर्शन के चलते भाजपा के पदाधिकारी अभी अपने आप को संभाल भी नहीं पाए थे कि आज गुरुवार को एत्मादपुर क्षेत्र के दर्जनों बूथ अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों ने पार्टी कार्यालय पहुंच जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। बूथ अध्यक्षों ने अपना इस्तीफ सौंपा तो वहीँ धर्मपाल सिंह के भाजपा में शामिल होने पर एक पार्टी कार्याकर्ता ने अपनी साफी से गला घोंट आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटना के बाद कार्यालय पर मौजूद लोगों में खलबली मच गई और उन्होंने पुलिस को बुला लिया।

गुरुवार को ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान बूथ अध्यक्षों का कहना था कि बसपा सरकार में भाजपा के लोगों पर मुकदमें लिखाने वाले और अत्याचार करने वाले को पार्टी से जोड़ कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया है। वहीं पूरी निष्ठा से पार्टी का कार्य कर रहे विधायक की जगह किसी बाहरी पर विचार करना ठीक नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो सभी पार्टी छोड़ देंगे।

प्रदर्शन के दौरान पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दो टूक शब्दों में कहा है कि धर्मपाल सिंह को एत्मादपुर सीट पर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान सभी ने अपने इस्तीफे कार्यालय प्रभारी को सौंप दिए और उनकी मांग पर ध्यान न देने पर एत्मादपुर में किसी भी भाजपा द्वारा कार्य न किए जाने का ऐलान कर दिया।

भारी संख्या में बूथ अध्यक्ष और कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए जब बृज क्षेत्र कार्यालय पर पहुंचे तो वहां पहले से ही एससी आयोग के अध्यक्ष डॉ रामबाबू हरित और ब्रजक्षेत्र कोषाध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल मौजूद थे। दोनों ने ही आक्रोशित कार्यकर्ताओं को शांत कराने का प्रयास किया और उनकी बात को हाईकमान तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया लेकिन आक्रोशित कार्यकर्ता एक न सुनने को तैयार थे।

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