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प्रतिबंधित 500-1000 के नोट को बदलवाने के लिए घूम रहे दो लोग गिरफ़्तार, 32 लाख की रकम बरामद

by admin

आगरा। बीती रात हरीपर्वत थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना पुलिस ने बीते गुरुवार देर रात दो लोगों को 32.70 लाख रुपये के प्रतिबंधित हो चुके 500-1000 के नोटों के साथ गिरफ्तार किया। युवकों से लाखों में प्रतिबंधित पुरानी करेंसी बरामद होने से पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने तुरंत दोनों युवकों को हिरासत में लिया और कानूनी कार्यवाही की। आरोपियों को सात महीने पहले एक बिल्डर ने पुराने नोट देकर डेढ़ लाख रुपये लिए थे अब आरोपी नोट बदलवाने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे थे। पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली और दोनों को पुराने नोटों के साथ पकड़ लिया। दोनों के पास 500-1000 के प्रतिबंधित नोटों की गड्डियां देखकर पुलिस दंग रह गई। 

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी उखर्रा निवासी भाव सिंह और अलबतिया निवासी नीरज तोमर हैं। भाव सिंह पशुपालक है, मूलरूप से फतेहाबाद का रहने वाला है। उसके पिता प्रधान हैं। नीरज एक जूता फैक्टरी में काम करता था। पिछले दिनों लॉकडाउन में नौकरी चली गई। दोनों में काफी समय से परिचय है। 

पुलिस के मुताबिक भाव सिंह ने बताया कि बिल्डर राकेश शिवहरे से उसकी दोस्ती थी। दिसंबर 2019 में राकेश ने मुलाकात की। कहा कि नोटबंदी के समय 32.70 लाख रुपये खाते में जमा नहीं कर सका। उसे डर था कि आयकर वाले पूछताछ करेंगे। तब से नोट रखे हुए हैं। बैंक वालों से सेटिंग नहीं हो सकी। भाव सिंह से नोट बदलवाने के लिए कहा। लालच दिया कि नोट बदलेंगे तो उसे भी अच्छा खासा कमीशन देगा। कमीशन के लालच में भाव सिंह ने सेटिंग करने का आश्वासन दे दिया। मगर, उसकी सेटिंग नहीं हो सकी। चार दिन बाद राकेश उससे फिर मिलने आया। उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपये की जरूरत है। राकेश ने 32.70 लाख रुपये के पुराने नोट बतौर जमानत रखवा दिए। यह भी कहा कि अगर, नोट नहीं बदलेंगे तो पुराने नोट ले लेगा। उसकी दी हुई रकम को भी लौटा देगा। कुछ दिन बाद राकेश ने पारिवारिक कलह में आत्महत्या कर ली। भाव सिंह के डेढ़ लाख रुपये भी फंस गए। 

पुलिस के मुताबिक, भाव सिंह पुराने नोट दो लाख रुपये तक में बेचने के लिए तैयार था। उसने अपनी जान-पहचान के कई लोगों से संपर्क किया। कुछ बैंक कर्मियों से भी बात की, लेकिन बात नहीं बन सकी। हरीपर्वत क्षेत्र में गुरुवार रात को उसे पकड़ लिया गया। 

सीओ हरीपर्वत एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि आरोपियों से आयकर विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ की है। पुराने नोट के संबंध में कार्रवाई के लिए पुलिस से कहा है। यह नोट अब किसी काम के नहीं हैं। 500 और 1000 के पुराने नोट हैं। नोटबंदी को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इसलिए आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 

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