आगरा। जीआरपी टूंडला को बड़ी सफलता हाथ लगी है। टूंडला जीआरपी ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 700 कारतूस बरामद हुए हैं। भारी संख्या में कारतूस बरामद होने से टूंडला जीआरपी भी पूरी तरह से हिल गई और उसने तुरंत इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने भी पकड़े गए अभियुक्तों से पूछताछ की और मामले की तह तक जाने का प्रयास किया। भारी संख्या में कारतूस बरामद होने से साफ है कि अभियुक्त किसी बड़ी वारदात को देने की फिराक में थे।
बीती रात जीआरपी टूंडला स्टेशन पर चैटिंग पर थी। तभी स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे दो युवकों की संदिग्ध हरकतों को देखकर जीआरपी को शक हुआ। उनसे पूछताछ की और तलाशी ली तो तलाशी में कारतूसों का जखीरा मिला। इतनी बड़ी मात्रा में कारतूस मिलने पर पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है। बड़ी मात्रा में कारतूसों के साथ दो युवकों को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। दोनों युवक सगे भाई हैं। अब तक की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि कारतूस अमरोहा से मुजफ्फरपुर ले जाए जा रहे थे।
जीआरपी जांच में जुटी है। इंस्पेक्टर जीआरपी योगेंद्र यादव ने बताया कि ट्रेन का इंतजार कर रहे दो संदिग्ध युवक पकड़े गए हैं। इनके पास 700 कारतूस मिले हैं। पकड़े गए अभियुक्त शादाब और फैजान दोनों सगे भाई हैं और लेबर कॉलोनी फिरोजाबाद में रहते हैं। अब तक की पूछताछ में दोनों ने बताया कि कारतूस अमरोहा जिले के कस्बा हसनपुर से लाकर बिहार के मुजफ्फरपुर में सप्लाई करते थे। बरामद कारतूस 315 और 32 बोर के हैं। युवकों से पूछताछ में सामने आए तथ्यों की जांच की जा रही है। कारतूस मुजफ्फरपुर में कहां बेचे जाने थे, इसका पता लगाया जा रहा है। किसी एक व्यक्ति को सप्लाई की जा रही थी या किसी गैंग को कारतूस दिए जाने थे, यह बात अभी साफ नहीं हो पाई है।
बरामद –
500 अदद जिन्दा कारतूस .315 बोर
200 अदद जिन्दा कारतूस .32 बोर
02 अदद एण्ड्राइड मोबाइल
4900/- रु0 नकद
अपराध का तरीका –
अभियुक्त शादाब उपरोक्त जो दिव्यांग है, एक शातिर किस्म का अपराधी है जो अपने साथियों के साथ मिलकर अमरोहा/ फिरोजाबाद से कारतूस खरीद कर लाता है यूपी एवं बिहार के विभिन्न जिलों में सप्लाई करता है । जिसमे शादाब का भाई फैजान उर्फ सुल्तान भी उसका सहयोग करता है ।
पूछताछ पर शादाब/फैजान ने बताया कि हम लोग कई बार अलग अलग लोगों से जिंदा कारतूस खरीदकर यूपी, बिहार में अलग अलग लोगों को बेच चुके हैं। जैसे जैसे डिमांड आती है हम लोग माल लेकर ट्रेन/ बस के माध्यम से सप्लाई कर देते है। दिव्यांग होने के कारण मेरे ऊपर कोई शक भी नहीं करता है। आज भी हम लोग कारतूसों की सप्लाई करने बिहार जा रहे थे कि हमें पकड लिया गया।