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अधिवेशन में भाजपा सरकार पर जमकर बरसे व्यापारी, बोले,—देश का छोटा व्यापारी आज भी गुलाम

by admin
Traders lashed out at the BJP government in the session of the All India Federation of Vyapar Mandal

आगरा। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ व्यापार मंडल के अधिवेशन में भाजपा सरकार पर जमकर बरसे व्यापारी। कहा, भारत का फुटकर व छोटा व्यापारी आज भी गुलाम बना हुआ है। दोहरी नीति अपना रही मोदी सरकार।

देश को आजाद हुए भले ही 75 वर्ष पूरे होने को हैं लेकिन भारत देश का फुटकर व छोटा व्यापारी आज भी भारत देश में गुलाम बना हुआ है जिसकी कोई सुनने वाला नहीं है। इस व्यापारी को किसी भी तरह की मार देते रहो, यह सिर्फ सहता रहेगा। कुछ ऐसे उद्गार और दर्द ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ व्यापार मंडल के रविवार को एक दिवसीय अधिवेशन के पहले सत्र में व्यापारियों के मुख से सुनने को मिला, जो अपनी पीड़ा अपने जनप्रतिनिधियों के सामने रख रहे थे।

सम्मेलन के पहले सत्र में राज्य सभा सांसद हरिद्वार दुबे, छावनी विधानसभा के विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश शामिल हुए। अधिवेशन की शुरुआत हुई और उसके बाद संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं को जनप्रतिनिधियों के सामने रखना शुरू कर दिया।

आजाद देश का गुलाम व्यापारी

जनप्रतिनिधियों के सामने व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं को रखा जा रहा था। तभी ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि भारत देश आजाद हो गया है लेकिन इस देश के व्यापारी आज भी गुलाम है।

खुदरा और छोटे व्यापारियों की बात को सुना ही नहीं जा रहा है। सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों की एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बुलाती है। सांठ गांठ करती है और नए कर और नए आदेश को अमलीजामा पहना देती है। यह नया आदेश खुदरा और छोटे व्यापारियों को खत्म कर रहा है। लेकिन इस छोटे व्यापारी की आवाज किसी को नहीं सुननी है। आज भी व्यापारी दोहरे टैक्स की मार जिला है।

जीएसटी के नाम पर टैक्स वसूला जाता है। स्टेट अलग से कर वसूलता है। खाद्यान्न सही लगभग 6% टैक्स तो व्यापारी दे रहा है जिसकी मार सही नहीं जाती है। अगर सरकार की व्यापारी विरोधी नीति यूं ही चलती रहे तो व्यापार और व्यापारी दोनों खत्म हो जाएंगे।

एक देश एक कर आज तक नहीं हुआ लागू

फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। देश की बागडोर संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक देश एक कर की परिकल्पना रखी। व्यापारियों को विश्वास में लिया कि अब विभिन्न प्रकार के टैक्स समाप्त होंगे और जीएसटी के नाम पर सिर्फ व्यापारियों से एक ही कर लिया जाएगा । लेकिन आज तक यह परिकल्पना साकार नहीं हो सकी है। जीएसटी वसूला जा रहा है ।

स्टेट अपना अलग से कर वसूला है। जीएसटी में ही इतनी खामियां हैं कि आज तक उसमें सुधार किया जा रहा है। सरकार को छोटे लघु और थोक व्यापारियों की चिंता नहीं है। उन्हें अडानी और अंबानी जैसे व्यापारियों की चिंता है। जिनसे पार्टी को मदद मिलती है। इसकी आवाज लगातार उठाई जा रही है लेकिन सुनने को कोई भी तैयार नहीं है।

एफडीआई को किया 100%:-

एक दिवसीय अधिवेशन ने अपनी बात रखते हुए व्यापारियों ने कहा कि कांग्रेस की शासनकाल में भाजपा 49% एफडीआई का विरोध करती थी। भाजपा का कहना था कि भारतीय पैसा बाहर जा रहा है जिससे भारत की आर्थिक स्थिति खराब होगी। लेकिन आज देखिए जो 49% एफडीआई का विरोध करती थी उसने 100% एफडीआई लागू कर दिया। यह कैसी दोहरी नीति है। क्या अब भारत का पैसा बाहर नहीं जाएगा छोटा व्यापारी खत्म नहीं होगा इसका जवाब मांगा जाता है तो कोई जवाब नहीं मिलता बल्कि जवाब करने वाला 8स सरकार में देशद्रोही हो जाता है।

सरकार ने किया ऐसा काम,जो आजादी के बाद से कभी नहीं हुआ:-

व्यापारियों ने अपना दर्द कहते हुए भाजपा के जनप्रतिनिधियों के सामने कहा कि भाजपा सरकार ने वह काम कर दिया, जो आजादी के बाद कोई भी सरकार नहीं कर सकी। भाजपा ने गरीब के मुंह से निवाला छीन लिया। आजादी के बाद पहली बार हुआ, जब खाद्यान्न पर जीएसटी लगाया गया हो। आटा दाल चावल गेहूं इन पर 5% टैक्स लगाकर सरकार ने अपने मंसूबों को जाहिर कर दिया है कि वह आम जनता, छोटा व्यापारी की कितनी हितैषी है। ऐसा लगता है कि सरकार इस देश से गरीबी नहीं बल्कि गरीब और लघु व्यापारी को ही हटा देना चाहती है।

जीएसटी का सरलीकरण हो समस्याएं हो दूर:-

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने विधायक जी एस धर्मेश और राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे से मांग की है कि वह सरकार के सामने उनका दर्द रखें। उनकी समस्याएं उठाएं जिससे उनकी समस्याओं का निस्तारण हो सके। उन्होंने मांग की कि सबसे पहले जीएसटी का सरलीकरण कर दिया जाए। जीएसटी की दर लगातार बदल रही है। सेंट्रल के साथ-साथ स्टेट भी अपना टैक्स वसूल रही है तो फिर जीएसटी आखिरकार कहां है। इतना ही नहीं सरकार के निर्णयों में छोटे और लघु व्यापारियों को भी शामिल किया जाए उनकी समस्याएं और उनके सुझाव भी माने जाएं जिससे हर व्यक्ति को लाभ पहुंच सके।

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