Agra. अपने शहीद पति के सम्मान की लड़ाई लड़ रही शहीद की पत्नी को कितना खमियाजा भुगतान पड़ रहा है इसका जीता जागता उदाहरण अपने पति की शहादत की याद में बनवाया स्मारक स्थल है जिसकी विद्युत सप्लाई बंद हो गयी है। स्थानीय प्रशासन व टोरंट एक दूसरे पर इसकी जिम्मेदारी डाल रहे हैं लेकिन शहीद के स्मारक की विद्युत सप्लाई शुरू कराने के लिए किसी ने रुचि नहीं दिखाई। पिछले लगभग 24 घण्टे से शहीद का स्मारक अंधेरे में है।
यह है मामला
कहरई निवासी कौशल कुमार रावत फरवरी 2019 में शहीद हुए थे। उनकी शहादत के दौरान सरकार और जनप्रतिनिधियों ने कई घोषणा की लेकिन उनका स्मारक का निर्माण नहीं करा पाए और ना ही उनकी प्रतिमा लगवाई। इससे दु:खी होकर शहीद की पत्नी ने अपनी निजी धनराशि से शहीद कौशल की प्रतिमा का निर्माण कराया था लेकिन आज वही स्मारक स्थल अंधेरे में है। बीती रात लगभग 9 बजे अचानक से शहीद कौशल रावत के स्मारक स्थल की विद्युत सप्लाई बंद हो गई। विद्युत सप्लाई बंद होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन टोरेंट को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
टोरंट ने झाड़ा पल्ला, एडीएम सिटी ने भी नहीं दिखाई गंभीरता-
शहीद कौशल रावत के स्मारक स्थल की विद्युत सप्लाई बंद हो जाने पर शहीद के परिजनों ने इसकी जानकारी तुरंत टोरंट को दी तो टोरंट ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इसका उनका कोई संबंध नहीं है। टोरेंट पीआरओ भूपेंद्र कुमार ने दो टूक कहा की हम आपकी मदद नहीं कर सकते। स्मारक नगर निगम के अंतर्गत आता है। इसलिए नगर निगम ही कनेक्शन जोड़ेगा। नगर निगम ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। बीती रात शहीद के परिजनों ने एडीएम सिटी से इस पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया तो उन्होंने भी यह कह दिया कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है, वह जानकारी करते हैं लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शहीद के स्मारक स्थल की विद्युत आपूर्ति सही नहीं हो पाई है और शहीद का स्मारक स्थल अंधेरे में गुम है।
14 फरवरी 2019 को शहीद हुए थे कौशल रावत –
14 फरवरी 2019 के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। उन्हीं शहीदों में से आगरा के कहरई निवासी कौशल कुमार रावत भी थे।
शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि आज शहीद कौशल सिंह रावत का स्मारक आगरा प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही के कारण अंधेरे में है। स्मारक की विद्युत सप्लाई करने की जानकारी तत्काल अपर जिलाधिकारी नगर को दी गई लेकिन उन्होंने भी मामले की जानकारी कर सप्लाई शुरू कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया और अभी तक उन्होंने कोई सुध नहीं ली है। प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब शहीद स्मारक को ही सम्मान नहीं मिल पा रहा है, वह अंधेरे में है तो विद्युत सप्लाई बंद करने वाले कैसे उन्हें घर पर विद्युत कनेक्शन मुफ्त में देंगे। उन्हें तो यह भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार किन कारणों से शहीद स्मारक की विद्युत सप्लाई बंद की गई है।