Agra. युवा अधिवक्ता श्रुति समाधिया को इंसाफ दिलाने के लिए उसका पिता दर दर भटक रहा है। बेटी को इंसाफ मिल सके और उसके इलाज में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सको और नर्सिंग स्टाफ पर कार्यवाही हो इसके लिए पीड़ित पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिलाधिकारी आगरा से गुहार लगाई है लेकिन हॉस्पिटल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है और न ही कोई जांच बैठी है। पीड़ित पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट से बेटी की मृत्यु के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
मामला विम्स (रामरघु) हॉस्पिटल से जुड़ा हुआ है। पीड़ित शचीश समाधिया ने बताया कि 5 मई 2021 को बेटी में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे विम्स हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। उस समय बेटी बिलकुल ठीक थी। उसका टेम्परेचर 102, बीपी 120/80, SP02 94-96% सीटी स्कैन चेस्ट का 9/25 था लेकिन भर्ती कराने के बाद बेटी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ यही कहता रहा कि श्रुति का स्वास्थ्य ठीक है वो सही हो रही है।
पीड़ित शचीश समाधिया ने बताया अचानक 17 मई को बेटी को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया और 19 मई को बताया कि उनकी बेटी की मौत हो गयी। चिकित्सकों ने कहा कि संक्रमण अधिक फैलने के कारण श्रुति की मौत हो गयी। पीड़ित शचीश समाधिया ने बताया कि इलाज के दौरान उनकी बेटी के इलाज में महंगी दवाइयों का प्रयोग किया गया लेकिन इलाज में लापरवाही बरती गई। ऐसा कई बार लगा कि बेटी के इलाज को लेकर चिकित्सक गंभीर नहीं है। इसी लापरवाही के कारण ही बेटी की मौत हुई।
पीड़ित शचीश समाधिया ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट सहित 11 लोगों को की है। पीड़ित पिता ने बेटी को न्याय मिल सके इसके लिए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।