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रामबाग पार्क में मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले बोले – ‘भारतीय पुरातत्व विभाग ने लागू किए आतंकवादियों जैसे नियम’

by admin
Those who went on the morning walk in Rambagh Park said - 'Archaeology Department of India implemented rules like terrorists'

आगरा। कई सालों से थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के अंतर्गत रामा पार्क में जाने वाले लोगों ने एक बार फिर भारतीय पुरातत्व विभाग पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। रामबाग पार्क में मॉर्निंग वॉक और योग करने के लिए हर महीने दी जाने वाली फीस में वृद्धि और पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लोगों ने कहा कि ‘पुरातत्व विभाग ने योग करने वाले लोगों के लिए आतंकवादियों जैसा नियम लागू कर दिया है। क्या हम आतंकवादी हैं जो पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा।’

बताते चलें कि सैकड़ों लोग प्रतिदिन रामबाग पार्क में मॉर्निंग वॉक और योग करने के लिए जाते हैं। इनमें अधिकतर संख्या बड़े बुजुर्गों की है या जो रिटायर्ड हो चुके हैं। कोरोना काल से पहले रामबाग पार्क में प्रवेश करने के लिए ₹35 वार्षिक फीस अदा करते थे। फीस अदा करने के बाद ही उन्हें रामबाग पार्क में मॉर्निंग वॉक की अनुमति दी जाती थी लेकिन कोरोना महामारी के बाद एएसआई ने फीस में वृद्धि करते हुए ₹50 महीना व ₹600 सालाना कर दिया है। इतना ही नहीं फीस अदा करने के साथ ही रामबाग पार्क #RambaghPark में मॉर्निंग वॉक पर आने वाले सभी लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया है।

पिछले कई सालों से रामबाग पार्क में योग (Yoga) अभ्यास करने आ रहे यमुनापार निवासी सुधीर गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में पार्क के बंद रहने के बाद जब फिर से प्रवेश के लिए खोला गया तो फीस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई। अधिकतर हम सभी लोग नौकरी से रिटायर हैं, हम इतनी कीमत कहां से अदा करेंगे। हम सभी के पास आधार कार्ड भी हैं फिर हमें पुलिस वेरिफिकेशन की क्या आवश्यकता है और पुलिस वेरिफिकेशन कराना कोई हंसी खेल नहीं है।

नुनिहाई क्षेत्र में रहने वाले राजेंद्र चौधरी ने कहा कि एएसआई ने फीस बढ़ाकर ₹600 सालाना कर दिया है जबकि पहले हम ₹35 सालाना देते थे अब हम ज्यादा से ज्यादा ₹100 सालाना खर्च करने को तैयार हैं। पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर उन्होंने कहा कि ‘आगरा के कई स्मारकों में पर्यटक सिर्फ टिकट खरीद कर पूरा दिन व्यतीत करते हैं जबकि हम तो सिर्फ मॉर्निंग वॉक और योग के लिए ही आते हैं। हम क्या आतंकवादी हैं जो हमारा पुलिस वेरिफिकेशन किया जा रहा है।’

सभी लोगों ने प्रशासन से मांग की कि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा रामबाग पार्क में प्रवेश शुल्क में जो वृद्धि की गई है उसको कम किया जाए, साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन नियम को रद्द कर दिया जाए। अगर पहचान पत्र वेरीफिकेशन की जरूरत पड़ती है तो हम सभी के पास आधार कार्ड है। एक सरल प्रक्रिया के तहत उसका वेरिफिकेशन किया जाए।

इस मामले को लेकर जब एएसआई के अधिकारी राजकुमार पटेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रामबाग पार्क की ₹600 सालाना फीस नहीं है। रही बात पुलिस वेरिफिकेशन की तो इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं जिनका पालन करना अति आवश्यक है। इसमें एएसआई कोई बदलाव नहीं कर सकता।

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