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आगरा डीएम के इस व्हाट्सएप मैसेज से जिला अस्पताल में मचा हड़कंप, मांगा स्पष्टीकरण

by admin
This WhatsApp message of Agra DM caused a stir in the district hospital, sought clarification

Agra. जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल को जिला अधिकारी आगरा पीएन सिंह की ओर से एक व्हाट्सएप किया गया। इस व्हाट्सएप के बाद से जिला अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी आगरा ने जिला अस्पताल से संबंधित एक दैनिक अखबार की कटिंग को व्हाट्सएप करते हुए उसका स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद से सीएमएस ए के अग्रवाल भी हरकत में है।

जिला अधिकारी पीएन सिंह की ओर से जिला अस्पताल के सीएमएस ए के अग्रवाल को जो व्हाट्सएप किया गया था, वह जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग से संबंधित था। व्हाट्सएप आने के बाद सीएमएस ए के अग्रवाल सुबह आते ही हड्डी रोग विभाग पहुंचे। यहां पर उन्होंने ओपीडी की ओर से प्लास्टर हाउस का निरीक्षण करते हुए मरीजों के प्लास्टर कटर से ही काटे जाने के निर्देश दिए।

मरीजों के प्लास्टर पत्थर से काटे जाने पर हुआ बवाल

बताया जाता है कि जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में जो भी फैक्चर वाले मरीज आते हैं, उनका प्लास्टर हाउस में प्लास्टर चढ़ाया जाता है लेकिन जब मरीज प्लास्टर कटवाने के लिए पहुंचता है तो प्लास्टर हाउस के अटेंडेंट्स पत्थर से उस प्लास्टर को काटते हैं। वह प्लास्टर पर पानी डालकर उसे गीला करते रहते हैं और प्लास्टर को पत्थर से काटते रहते हैं। इस तरह से प्लास्टर को काटने में घंटों लगते हैं और मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्लास्टर काटने का यह तरीका ही जिला अस्पताल के चिकित्सकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।

कटर का प्रयोग करने के दिए निर्देश

सीएमएस ए के अग्रवाल प्लास्टर हाउस का निरीक्षण करने के बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों और अटेंडेंस को मरीजों के प्लास्टर केवल कटर से काटने के निर्देश दिए हैं। सीएमएस ए के अग्रवाल ने बताया कि उन्हें चिकित्सकों ने बताया कि कटर से छोटे बच्चों के प्लास्टर काटने में दिक्कत होती है। इसीलिए इस पुरानी परंपरा के अनुसार ही प्लास्टर काटे जा रहे हैं।

जिलाधिकारी की ओर से इस पूरे मामले पर सीएमएस डॉ. ए के अग्रवाल से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अब स्पष्टीकरण को लेकर माथापच्ची हो रही है। क्योंकि पहले से ही जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है अब इस पूरे मामले से कैसे निपटा जाए, इस को ध्यान में रखते हुए सीएमएस ए के अग्रवाल स्पष्टीकरण तैयार कर रहे हैं।

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