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निगम सदन में भिड़े पार्षद, महिला पार्षद ने भी किया ड्रामा

by admin

आगरा। सोमवार को खंदारी स्थित जे पी सभागार में नगर निगम की ओर से आयोजित सदन में समापन के दौरान सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन में जलकल और नगर निगम का बजट सर्वसम्मति से पास होने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के दौरान दो पार्षद आपस में झगड़ गए जिससे दोनों पार्षद के समर्थक आमने-सामने आ गए और सदन को स्थगित करना पड़ा।

नगर निगम का यह पहला अधिवेशन था जो कि निगम सदन के बजाय खंदारी जे पी सभागार में आयोजित किया गया। पूरे सदन में कई अहम प्रस्तावों के साथ बजट पर चर्चा की गई। जहां एक और पूरा सदन शांतिपूर्वक चला तो वहीं कई बार महिला पार्षद ने अपनी बात रखने के दौरान सदन के माहौल को गर्म करने की कोशिश की।

यह पूरा हंगामा महिला पार्षद जरीन के बेबुनियाद आरोपों और ड्रामे को लेकर हुआ। बतातें चलें कि सदन में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महिला पार्षद जरीन ने स्वच्छ्ता अभियान पर सवाल खड़े करते हुए अपने क्षेत्र में एक भी विकास कार्य न कराये जाने की बात रखी। इस पर भाजपा के समर्थक हंगामा करने लगे। इसके बाद बजट चर्चा के दौरान फिर से पार्षद जरीन को अपनी बात रखने का मौका मिला।

इसके वाबजूद पार्षद जरीन बीच में ही अन्य महिला पार्षदों के साथ सदन छोड़कर चली गयी। महापौर ने भी रोकने का प्रयास किया लेकिन नहीं रुकी। उसके बाद सदन आगामी सत्र की ओर बढ़ा कि इसी बीच पार्षद दल के नेता कर्मवीर महिला पार्षदों को समझा-बुझाकर अंदर लाए। अंदर आते ही पार्षद जरीन ने सदन में बोलने का मौका न दिए जाने का आरोप लगाते हुए वहीँ धरने पर बैठने की जिद करने लगी।

महापौर ने इस अनुशासनहीनता बताते हुए सभी महिला पार्षदों को अपनी सीट पर बैठने को कहा कि तभी भाजपा पार्षद राहुल चौधरी और पार्षद दल के नेता कर्मवीर के बीच कहासुनी हो गई। देखते ही देखते मामला बिगड़ने लगा।

वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह से दो पार्षद आपस में कहासुनी कर रहे हैं और अन्य पार्षद हाथापाई को रोकने के लिए एक दूसरे को खींच रहे है। इस बीच महापौर नवीन जैन ने स्थिति को देखते हुए सदन को तुरंत समाप्त कर दिया। सदन के समाप्त होते ही इसकी स्थान इस खींचतान और हंगामे ने विकराल रुप ले लिया। भाजपा पार्षद का आरोप था कि यह हंगामा पार्षद दल के नेता कर्मवीर ने कराया है तो वहीं पार्षद दल के नेता कर्मवीर का कहना था कि जब बातचीत महापौर से हो रही थी तो भाजपा पार्षद को बीच में बोलने का कोई हक नहीं था।

सदन समाप्त होने के बाद भी काफी देर तक हंगामा जे पी सभागार में चलता रहा। विपक्षी पार्षदों का कहना था कि महापौर को हर हाल में सभी पार्षदों की बात सुननी चाहिए जबकि जिस महिला पार्षद के ड्रामे को लेकर यह हंगामा हुआ उसे सदन में दो बार बोलने का मौका भी मिला।

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