Agra. सोशल मीडिया पर एक वीडियो के वायरल होने से हड़कंप मचा हुआ है। यह वायरल वीडियो धरती पर भगवान कहे जाने वाले एक चिकित्सक का बताया जा रहा है जो कोरोना संक्रमण काल में कोरोना वायरस को फैलाने के लिए सुर्खियों में रहा था और अब इस वीडियो के वायरल होने के बाद यह चिकित्सक व उनका हॉस्पिटल कोरोना संक्रमण काल में 22 मरीजों के मेडिकल मर्डर के लिए सुर्खियों में हैं। इस वायरल वीडियो में आप सुन सकते है कि किस तरह से धरती के इस भगवान ने 22 लोगों की जान ले ली।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो पारस हॉस्पिटल का बताया जा रहा है और वीडियो में व्यक्ति कोरोना संक्रमण काल के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति में आई कमी से मचे हाहाकार के दौरान किस तरह से जान बूझकर 22 संक्रमित मरीजों का मेडिकल मर्डर किया गया इसकी व्याख्या कर रहा है। वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि डॉ अरिंजय जैन बताया जा रहा है।
वायरल वीडियो में आप साफ़ देख सकते हैं कि एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठा हुआ है और उसके सामने बैठा हुआ व्यक्ति कोविड-19 काल में कोरोना संक्रमित मरीजों की बड़ी संख्या के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति में आई कमी के दौरान किस तरह का दृश्य हॉस्पिटल व शहर में था उस पर चर्चा कर रहा है। वायरल वीडियो में आप साफ सुन सकते हैं कि किस तरह से चिकित्सक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने का किस्सा बयां कर रहा है। वह कह रहा है कि उस दौरान ऑक्सीजन के सबसे बड़े सप्लायर ने भी ऑक्सीजन की आपूर्ति करने से हाथ खड़े कर दिए। ऑक्सीन सप्लायर ने कहा कि दिल्ली, गाजियाबाद और आसपास ऑक्सीजन नहीं है तो सप्लाई कहाँ से हो तो चिकित्सक ने कहा कि अगर जिलाधिकारी से कहे तो वह भी सप्लाई नहीं करेंगे, सप्लायर का कहना था कि जब हम ही सप्लाई नहीं कर पा रहे तो वह कहां से करेंगे।
इस पूरे संकट को लेकर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ ना हो जाए इसीलिए चुपचाप से हॉस्पिटल के गेट पर ऑक्सीजन के संकट से संबंधित जानकारी चस्पा कर दी और मरीजों के परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी गई। कहा कि वह अब ऑक्सिजन का इंतजाम करें हॉस्पिटल में ऑक्सिजन नहीं है। जिस समय इस तरह की चर्चाएं चल रही थी उस समय हॉस्पिटल में सुबह तक के लिए ऑक्सीजन का स्टॉक था।
इसके बाद चिकित्सकों ने हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की गिनती कराई जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी और उस समय हॉस्पिटल में कुल 96 मरीज भर्ती थे। चिकित्सक ने कहा कि इस दौरान एक मॉक ड्रिल करने का निश्चय लिया गया। यह मॉक ड्रिल ऑक्सीजन सप्लाई को 5 मिनट बंद करने की थी इसके पीछे चिकित्सक का आशय था कि वह यह जान सके कि कितने मरीज गंभीर है जिन्हें ऑक्सीजन चाहिए ही चाहिए और कितने बिना ऑक्सिजन के जिंदा रह सकते है।
फैसला होते ही सुबह लगभग 7:00 बजे चिकित्सक के कहने पर ऑक्सिजन की सप्लाई को 5 मिनट के लिए बंद कर दिया गया। सुबह का समय था किसी को कोई शक भी नहीं हुआ। इस मॉक ड्रिल से लगभग 22 मरीज नीले पड़ गए और उनकी जान चली गई। चिकित्सक कह रहा है इस वीडियो में कि इस मॉक ड्रिल की माध्यम से एक ही झटके में 22 मरीज निकल लिए और उनकी ऑक्सीजन दूसरे मरीजों के काम आ गई लेकिन चिकित्सक के इस फैसले ने 22 मरीजों का मेडिकल मर्डर कर दिया और उनकी जान ले ली।
फिलहाल इस वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है लेकिन देखना होगा कि इस बार वायरल हुई वीडियो के बाद इस हॉस्पिटल पर प्रशासन उचित कार्रवाई करता है या नहीं। क्योंकि पिछले साल भी कोविड-19 के मामले में पारस हॉस्पिटल कोविड संक्रमण का सबसे बड़ा स्प्रेडर बना था।