दिसम्बर माह प्रारम्भ हो चुका है और अब धुंध और घने कोहरे का वाहन चालकों को सामना करना पड़ेगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे भी इससे अछूता नही रहता है। पिछले वर्ष आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बड़ी संख्या में हादसे केवल कोहरे के कारण हुए थे। शीतकाल के चलते अगले इन दो माह में कोहरे और धुंध का प्रकोप देखने को मिलेगा। घने कोहरे से निपटने और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं में कमी आये इसी के दृष्टिगत आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव के0सी0 जैन द्वारा सुझाव पत्र मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर प्रेषित किये है।
सचिव के सी जैन ने पत्र में उल्लेख किया कि केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा निर्गत की गई रोड एक्सीडेन्ट्स इन इण्डिया-2017 के अनुसार वर्ष 2017 में 26,982 सड़क हादसे कोहरे व धुंध के कारण हुए थे, जिनमें 11,090 व्यक्ति मारे गये थे और 11,577 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए थे जबकि 13,251 व्यक्ति साधारण रूप से घायल हुए थे। इस प्रकार वर्ष 2017 में सड़क हादसों में हुई कुल 1,47,913 मौतों में 11,090 मौतें कोहरे व धुंध के कारण हुई थीं जो कुल हादसों में हुई मौतों का 7.5 प्रतिशत था।
धुंध और कोहरे के कारण सड़क हादसे रोके जा सकें, इसके लिए यूपीडा को निम्न सुझाव पत्र में दिये गये
1.165 किमी लम्बे यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित सफर हेतु 400 फॉग लाइट लगा दी गई हैं। इसी तर्ज पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भी कम से कम 800 फॉग-लाइट लगाई जायें और उनका विधिवत संचालन हो।
2.यमुना एक्सप्रेसवे पर वर्तमान में गतिसीमा हल्के वाहनों और कारों के लिए 100 और भारी वाहनों हेतु 80 किमी प्रति घण्टा है, जिसको यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) द्वारा घटाकर क्रमशः 75 व 60 किमी प्रति घण्टा (15 दिसम्बर से 15 फरवरी तक) करने का निर्णय लिया है जिसके लिए प्रवेश पॉइन्ट्स पर पैम्पलेट्स भी बांटे जायेंगे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भी उक्त अवधि के लिए वाहनों की अधिकतम गतिसीमा को घटा दिया जाये।
3. येडा द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे के प्रत्येक 10 किमी पर एक एम्बुलेन्स व एक क्रेन तैनात होगी इसी तरह से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भी क्रेन व एम्बुलेन्स की इसी तरह की सुविधा तुरन्त प्रारंभ कर दी जाये।
4. अधिक अस्पतालों से इलाज हेतु अनुबन्ध होः- हादसों में घायल हुए व्यक्तियों के इलाज हेतु येडा द्वारा 7 प्राईवेट अस्पतालों से अनुबन्ध किया गया है। यूपीडा द्वारा भी इसी प्रकार अनुबन्ध किया जाये ताकि हादसों में घायल हुए व्यक्तियों को अविलम्ब रूप से सही अस्पताल में इलाज मिल सके।
जब से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे प्रारंभ हुआ है, इस एक्सप्रेसवे पर बड़ी संख्या में हादसे हो चुके हैं जिनमें सैकड़ों अमूल्य मानव जीवनों का असमय अन्त हो गया। एडीएफ की ओर से आशा व्यक्त की गई कि यूपीडा हादसों पर रोक लगाने के लिए संवेदनशीलता से प्रभावी रूप से कार्यवाही करेगी।