कोविड-2019 का कहर इतना है कि हर कोई घरेलू नुस्खों को अजमा रहा है। अच्छी बात यह है कि कोरोना काल में वैकल्पिक चिकित्सा की तरफ लोगों का विश्वास बढ़ा है। वैकल्पिक चिकित्सा में शुमार एक्यूप्रेशर के प्रति भी लोगों का रूझान देखने को मिल रहा है। रोहतक स्थित जवाहर नगर निवासी भारत भूषण भूटानी ने इस चिकित्सा पद्धति के प्रति बढ़ते विश्वास को देखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रूख किया। फिलहाल इनके वीडियो को लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं।
भारत भूषण ने बताया कि एक्यूप्रेशर पद्धति में फिलहाल कलर थेरेपी (रंग चिकित्सा) और शीड थेरेपी (विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न बीज) से उपचार करते हैं। इस पद्धति से खुद को डिफेंसिव मोड यानी अपने स्वास्थ्य को रक्षात्मक श्रेणी में ले जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मेरा मुख्य व्यवसाय दवा का है। करीब 16 साल पहले की एक घटना याद करते हुए कहते हैं कि एक बार किसी महिला पर दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। मां राजरानी के कहने पर उस महिला को दवा तो दिला दी। लेकिन उन्होंने उस दौरान संकल्प दिलाया कि लोगों के सेहत ठीक रहे इसके लिए कोई कार्य करें। वैकल्पिक चिकित्सा की तरफ रूझान होने के कारण दिल्ली, जोधपुर, इलाहाबाद आदि स्थानों से अलग-अलग 12 कोर्स किए। इसमें विभिन्न प्रकार की थेरेपी शामिल थीं। उसी समय से अभी तक हजारों लोगों को ठीक कर चुके हैं। इन्होंने बताया कि कई जटिल बीमारियां वैकल्पिक चिकित्सा से पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं।
खुद इम्युनिटी सिस्टम कर सकते हैं मजबूत, बीमारियां हो सकती हैं दूर
कोविड काल का उदाहरण दिया कि फिलहाल इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है। एक्युप्रेशर से हम बीमारियों से प्राण शक्ति को और सशक्त बनाते हैं। लोगों को आक्सीजन लेवल सही रखने के लिए नियमित तौर से धरण शक्ति मुद्रा का अभ्यास करने के लिए कहा। बेशक व्यक्ति बीमार है या फिर स्वस्थ। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के परामर्श की देखरेख में डिजिटल मोड से कोविड मरीजों को एक्यूप्रेशर की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करा रहे हैं। यदि एक्यूप्रेशर की लोगों को अधिक जानकारी नहीं है तो वह खुद हाथ और पैर के प्रत्येक हिस्से पर अपने अंगूठों व अंगुलियों की मदद से दबाते रहें। प्रेशर बेहद कम या बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को एक्यूप्रेशर नहीं करना। नवजात बच्चों पर सिर्फ कलर थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पर कलर और शीड थेरेपी का उपयोग कारगर साबित होगा। आपरेशन जिस अंग पर हुआ है वहां छह माह तक प्रेशर नहीं दे सकते। तमाम बीमारियों से राहत मिल सकती है।
जज, आइएएस से लेकर चिकित्सकों को भी किया इलाज
वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के प्रति बढ़ते विश्वास का नतीजा बताते हुए भारत भूषण ने बताया कि अभी तक उन्होंने कई जज, विधायक, आइएएस अधिकारियों, प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों का इलाज किया। कई नामी चिकित्सक तक इलाज करा चुके हैं। फिलहाल वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को यहां बढ़ावा भी दे रहे हैं।