Agra. अलीगढ़ के बाद आगरा में भी जहरीली शराब का बड़ा कांड सामने आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही जहरीली शराब के पीने से अब तक 10 ग्रामीणों ने दम तोड़ दिया है। पूरा मामला आईने की तरह साफ है लेकिन अपनी जान बचाने के लिए पुलिस, प्रशासन व आबकारी मामले को दबाने के लगी रही। बुधवार रात को विसरा की हुई फोरेेंसिक रिपोर्ट से जहरीली शराब से मौतों की पुष्टि हुई तो एडीजी राजीव कृष्ण ने सख्त रुख अपना लिया। एडीजी ने तुरंत अपना चाबुक चलाना शुरु कर दिया। इंस्पेक्टर डौकी अशोक कुमार, इंस्पेक्टर ताजगंज उमेश चंद्र त्रिपाठी और थानाध्यक्ष शमसाबाद राजकुमार गिरी समेत दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एडीजी ने आबकारी विभाग के दो निरीक्षकों व तीन सिपाहियों के निलंबन की संस्तुति की है। बताया जाता है कि मामला मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंच गया था। उनके सख्त रवैया के बाद ही इस कानूनी कार्रवाई को अंजाम दिया गया नहीं तो जिलाधिकारी तो ग्रामीणों की मौत जहरीली शराब के सेवन से ना होने की बात कहते रहे।
ये हुए निलंबित –
इंस्पेक्टर ताजगंज उमेश चंद्र त्रिपाठी, कुलदीप मलिक प्रभारी एकता चौकी, अरुण कुमार बीट आरक्षसी देवरी थाना ताजगंज, इंस्पेक्टर डौकी अशोक कुमार, सोमवीर बीट आरक्षी कौलारा थाना डौकी, मुख्य आरक्षी जगजीत सिंह थाना डौकी, थानाध्यक्ष शमसाबाद राजकुमार गिरि, उदय प्रताप बीट आरक्षी गढ़ी जहान सिंह थाना शमसाबाद, श्याम सुंदर बीट आरक्षी महरमपुर थाना शमसाबाद
लापरवाही में फंसे आबकारी दो निरीक्षक –
एडीजी ने अपनी जांच में सेक्टर तीन फतेहाबाद के आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर सात ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश कुमार पांडेय, आबकारी सिपाही राजेश कुमार, अमरजीत तेवतिया और विशाल कुमार को भी प्रथम दृष्टया दोषी पाया है।
पुलिस के साथ आबकारी विभाग के दोनों निरीक्षकों और सिपाहियों की लापरवाही सामने आई है। एडीजी जाेन ने पांचों के निलंबन की संस्तुति की है।