Agra. गुरुवार सुबह न्यू दक्षिणी बाईपास के पास लालऊ गांव में लगभग डेढ़ दर्जन मोर खेतों में बेहोश पडे़ मिले। इन सभी के मुंह से झाग निकल रहा था। खेतों में काम करने पहुंचे किसानों ने मोरों को इस स्थिति में देखा तो इसकी जानकारी तुरंत वन विभाग को दी। राष्ट्रीय पक्षी मोर की दुर्दशा की जानकारी होते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गयी। वन विभाग की टीम ने मोरों का परीक्षण किया तो उसमें आठ मोर मर चुके थे और आठ बेहोश थे। वन विभाग की टीम ने बेहोश 8 मोरों को तुरंत उपचार के लिए कीठम भेज दिया तो वही जो मोर मर चुके थे उनका पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार करा दिया गया।
अलग-अलग खेतों में पडे़ थे:-
बताया जाता है कि गुरुवार सुबह करीब आठ बजे ग्रामीण अपने खेत पर जा रहे थे तभी एक किसान ने अपने खेत में मोर को मृत पड़ा हुआ देखा। ग्रामीण नजदीक पहुंचे तो आसपास के क्षेत्र में भी कई मोर ऐसे ही पड़े हुए दिखाई दिए।इनमें से तो कुछ तड़प रहे थे वहीं मोरों के खेतों में मृत पड़े होने की सूचना गांव में जैसे ही फैली सभी ग्रामीण एकत्रित होकर घटनास्थल पर जमा हो गए।
वन विभाग को दी तुरंत सूचना:-
घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने तुरंत सूचना पुलिस को दी। थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर आ गई। टीम के साथ आए चिकित्सक ने मोरों का परीक्षण किया। उसमें से आठ मोर दम तोड़ चुके थे जबकि आठ मोर बेहोश थे। बेहोश मोरों को एंबुलेंस से उपचार के लिए तुरंत कीठम भेज दिया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कारण:-
एक साथ 8 मोरों की मौत और 8 के बेहोश होने का कारण जानने के लिए वन विभाग ने मृत मोरों का पोस्टमार्टम कराया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल सकेगा लेकिन इस घटना ने वन विभाग को भी हिला कर रख दिया है।
मृत मोरों का किया गया अंतिम संस्कार:-
मृत मोरों के पोस्टमार्टम के बाद गांव वालों ने सभी आठ मोरों का गांवों में ही अंतिम संस्कार कर दिया। गांव वालों का कहना है कि हो सकता है कि मोरों ने कोई जहरीली चीज या खेतों में पड़ा कीटनाशक खा लिया हो जिससे उनकी तबियत खराब हो गई हो। वन दरोगा महेश चंद ने बताया कि आठ मोरों की मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। उसके बाद ही आगे की कोई कार्रवाई की जाएगी