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ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चाें में बोया गया सनातन संस्कारों का बीज

by pawan sharma

• चाइल्ड केयर वेलफेयर सोसायटी के संस्कार शिविर के समापन पर दिखी आध्यात्मिक रंग की तरंग
• वैदिक मंत्र, हनुमान चालीसा पाठ, शिव तांडव, श्रीराम स्तुति की प्रस्तुति ने मोहा मन

आगरा। नौनिहालों में जब सनातन संस्कारों के बीज रोपे जाते हैं तो आध्यात्म का रंग तरंग की भांति बहने लगता है। इसी रंग की रंगत दिखी चाइल्ड केयर वेलफेयर सोसायटी द्वारा लगाए गए संस्कार शिविर के समापन पर।
गुरुवार को बम्बई वाली बगीची में संस्कार शिविर का समापन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टीसा के प्रधानाचार्य संजय कालरा द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त मुस्कान और नंदनी द्वारा सरस्वती वंदना की गई।
अध्यक्ष नीना सिंघल द्वारा योगा टीचर राखी जैन और मुक्ता का आभार प्रकट किया गया। हनुमान चालीसा सीखाने वालीं सीमा मखीजा और गीता का ज्ञान देने वाली गुरु मां का पुष्प दे कर सम्मान किया गया। बच्चों को हवन की पारंपरिक विधि के लिए चंचल अरोड़ा को सम्मानित किया गया।
शिविर के छोटे बच्चों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया तो सभी मंत्रमुग्ध हो गए। अनुलक्ष्मी ने श्री राम स्तुति पर नृत्य प्रस्तुत किया। शिविर में बच्चो को सिखाये गए मंत्रो को जब पांच बच्चों ने लय में सुनाया तो सभी ने तालियों से उनका हौसला बढ़ाया। खुशी, साक्षी, सिमरन और नंदनी द्वारा प्रस्तुत शिव तांडव की सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम का अंत आठ बच्चो द्वारा सूर्यनमस्कार की प्रस्तुति से किया गया। मुख्य अतिथि संजय कालरा ने कहा कि इस तरह के शिविर ही बच्चो में भारतीय संस्कारों को पुनःजाग्रत करते हैं।
अध्यक्ष नीना सिंघल ने बताया कि नगला बूढ़ी स्थित महाकालेश्वर मंदिर में लगे 25 दिवसीय शिविर में बस्तियों के बच्चों ने प्रशिक्षण लिया। तपस्या बंसल ने अवगत कराया कि शिविर में प्रतिदिन संस्था की सदस्याओं द्वारा खाद्य सामग्री प्रदान की गयी।
कार्यक्रम की व्यवस्थाएं अध्यापक साधना पोरवाल, सविता शिखा और साहिल ने संभाली। इस अवसर पर उमा, मुक्ता, ममता,पूनम मंगवानी, प्रीति खंडेलवाल आदि उपस्थित रहीं।

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