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आगरा-हाथरस रोड पर ट्रक के बोनट में फंसा अजगर, ट्रक को चालू करते आई बोनट से कुछ आवाज़

by admin
The python stuck in the bonnet of the truck on the Agra-Hathras road

आगरा। एक अनोखी घटना में आगरा हाथरस रोड पर 6 फीट लम्बा अजगर एक ट्रक की बोनट में फंसा हुआ मिला | ट्रक को चालू करते आई बोनट से कुछ आवाज़| मौके पर वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू टीम ने

शनिवार सुबह , एक ट्रक का ड्राईवर तब दंग रह गया जब उसे उसके ट्रक के बोनट में 6 फीट लम्बा अजगर फंसा हुआ मिला | इतने बड़े अजगर को देखते ही ड्राईवर ने वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन कर मदद मांगी |

घटना स्थल पर पहुँचते ही सबसे पहले एनजीओ के दो लोगों की टीम ने वहाँ इकट्ठी भीड़ को हटाया | वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू टीम ने पूरी सावधानी के साथ तक़रीबन डेढ़ घंटे में उस अजगर को सुरक्षित बोनट से बाहर निकाला |

अभी अजगर को चिकित्सीय देखभाल में रखा गया है और डॉक्टर्स के निरिक्षण के बाद सही स्थिति में पाए जाने के बाद उसे जंगल में वापस छोड़ दिया जायेगा |

राकेश गोस्वामी, जिन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस को फ़ोन करके सुचना दी ने बताया कि जैसे ही मैंने ट्रक को चालू किया मुझे बोनट से कुछ आवाज़ आई | जब मैंने देखने के लिए बोनट खोला तो देखा कि एक बड़ा साँप अन्दर फंस गया है और मैंने फिर तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस की हेल्पलाइन नंबर पर फोन मिलाया |

आगरा हाथरस रोड पर लगा जाम

जब वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम आई तो बड़ी संख्या मंें लोग आ गए। वाहना रूक गए। सभी देखने लगे कि कैसे रेस्क्यू किया जा रहा है। स्थिति यह हो गई कि आगरा-हाथरस रोड पर जाम लगा गया। वाहन फंस गए। टेढ़ी बगिया और रामबाग दोनों ओर के वाहनों का आना-जाना बंद रहा। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया।

*वाइल्डलाइफ एसओएस के सह संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि ऐसी स्थिति में फसना जानवर के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और खतरनाक होता है | जैसा की अजगर जहरीले नहीं होते, फिर भी हमें उन्हें बहुत ही सावधानी और सुरक्षा के साथ बचाना होता है क्योंकि वो डरे होने कारण काटने की कोशिश करते है | हमारी रेस्क्यू टीम ऐसी स्थितियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित है |

बैजू राज एम वी, निदेशक संरक्षण प्रोजेक्ट, वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा कि, “ जागरूकता क्या कर सकता है ये उसका सटीक उदाहरण था | उस व्यक्ति ने जिसे ट्रक के अन्दर अजगर मिला, खुद कुछ करने के बजाय उसने हमारी टीम को मदद के लिए फ़ोन करके बुलाया और इसके लिए हम उसके आभारी है | हालही में ऐसी कई असामान्य जगहों पर साँप मिलने के बावजूद भी लोगों ने इन्हें ना मारते हुए सावधानी बरती है |”

वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट ने आगरा शहर और आसपास की जगहों से सिर्फ जुलाई महीने में 167 रेप्टाइल्स रेस्क्यू किये है और यह बढती जागरूकता का सकारात्मक संदेश है | इन रेस्क्यू में 130 साँप, 30 से ज्यादा बंगाल मॉनिटर लिजार्ड और एक मगरमक्ष शामिल है |

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