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पृथ्वी पर गहराया संकट, अगले 48 घंटे में बंद हो जायेगी मोबाइल-टीवी-जीपीएस सेवा

by admin

नई दिल्ली। पृथ्वी पर एक बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है। अगले 48 घंटों में पृथ्वी को एक ऐसी मुश्किल का सामना कर पड़ सकता है जिसकी वजह से न तो मोबाइल चल सकेंगे और न ही टीवी। यह सब सोलर स्टॉर्म के टकराने की वजह से होगा। दरअसल, 48 घंटों में सोलर स्टॉर्म पृथ्वी से टकरा सकता है। यह सोलर स्टॉर्म सूर्य से भारी मात्रा में निकलने वाली ऊर्जा है। यह ऊर्जा सूर्य के कोरोनल होल से निकलेगी।

बताया जा रहा है कि सूर्य के कोरोनल होल से निकलने वाली ऊर्जा में कॉस्मिक किरणें भी रहेंगी जो धरती पर बुरा असर डाल सकती हैं। इस कॉस्मिक किरणों से पृथ्वी पर सैटेलाइट से चलने वाली सारी सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो जाएंगी। मतलब न तो मोबाइल में सिग्नल आएंगे और न ही केबल नेटवर्क आएंगे यानी आपका मोबाइल भी ठप्प और टीवी भी। इसके अलावा जीपीएस नैविगेशन जैसी सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हो जाएंगी।

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी सोलर स्टॉर्म के पृथ्वी पहुंचने की पुष्टि की है। नासा ने एक तस्वीर भी जारी की है जिसमें गैस के तूफान को देखा समझा जा सकता है। बताया जा रहा है कि सोलर स्टॉर्म से धरती के सोलर डिस्क के लगभग आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा सा छेद बनेगा जिसके कारण सूर्य के वातावरण से पृथ्वी की ओर बेहद गर्म हवा का एक तूफान आएगा।

नेशनल ओशन ऐंड अटमॉस्फियर असोसिएशन ने कहा है कि जब यह तूफान आएगा तो उत्तर और दक्षिण में तेज रोशनी नजर आएगी। हालांकि नैशनल ओशन ऐंड अटमॉस्फियर असोसिएशन ने इसे जी-1 या हल्का सौर तूफान ही करार दिया है। असोसिएशन फोरकास्ट का कहना है कि जी-1 श्रेणी का जियोमैग्नेटिक तूफान रविवार या सोमवार को उस वक्त आ सकता है जब सौर हवाएं चलेंगी। बता दें कि सोलर स्टॉर्म सूर्य की सतह पर आए क्षणिक बदलाव से उत्पन्न होते हैं। इन्हें पांच श्रेणी जी-1, जी-2, जी-3, जी-4 और जी-5 में बांटा गया है। इनमें जी-5 श्रेणी का तूफान सबसे खतरनाक असर हो सकता है।

सोलर स्टॉर्म को लेकर स्काईमेट के साइंटिस्ट डॉ। महेश पलावत ने चेताया कि कॉस्मिक पार्टिकल सूर्य से धरती पर पहुंचेंगे और इसके नतीजे काफी गंभीर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जी-1 कैटिगरी में पावर ग्रिड पर सबसे अधिक असर होता है। माइग्रेटरी बर्ड्स पर भी गंभीर असर पड़ता है। इस आंधी का व्यापक असर यूएस और यूके में ज्यादा पड़ने की आशंका है।

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