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झूलेलाल मेला में दिखे सिंधी कला-संस्कृति और भक्ति के सतरंगी रंग, बाबा बुलडोजर की झांकी रही आकर्षण का केंद्र

by admin
The colorful colors of Sindhi art-culture and devotion were seen in Jhulelal Mela, the tableau of Baba Bulldozer was the center of attraction

आगरा। एक ओर भक्ति की रसधारा में डूबे श्रद्धालु तो दूसरी ओर सिंधी कला और संस्कृति से परिचय कराते लोक गीत, नृत्य और भजन। साथ में स्वादिष्ट सिंधी व्यंजनों का स्वाद। कोठी मीना बाजार में जय झूलेलाल मेला समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय झूलेलाल मेला में सिंधी कला, संस्कृति और खान-पान के कुछ ऐसे ही अनूठे सतरंगी रंग नजर आए। मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि सोमनाथ धाम के जहाजनाथ योगी, बाबा रंगूरामधाम के संत गुरमुखदास उदासीन दीदी भगवन्ती साजनानी ने सम्मलित रूप से फीता काटकर किया। मेले के लिए सिंधी समाज के इस कुम्भ के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

मेले में बाबा अमरनाथ की गुफा में भोले बाबा के जयकारे लगाते श्रद्धालु तो दूसरी ओर मां दुर्गा के आगे शीश झुकाते भक्तजन थे। वरुणावतार भगवान झूलेलाल के दरबार में भजनों पर झूमते गाते लोगों ने खान-पान की स्टॉल पर सिंधी व्यंजनों छोला-डबल, साई भाजी-चावल, भीह आलू (कमल ककड़ी) की सब्जी, सेइल फुल्का, मालपुओ आदि का स्वाद लिया। सिंधी लेडीज रॉयल क्लब की सदस्यों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले में बच्चों से लेकर बड़ों के लिए दर्जन भर से अधिक झूले भी थे। आयो लाल झूलेलाल की धूम के साथ देर रात तक सिंधी समाज के लोगों ने भक्ति भाव और परिवार संग मेले में उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया।

बाबा का बुल्डोजर की झांकी

मेले में सबसे अधिक बाबा के बुल्डोजर की झांकी ने लोगों को खूब आकर्षित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ खड़े जेसीबी की झांकी संग विशेषकर युवा वर्ग ने खूब सेल्फी लीं। वहीं सिंधी समाज के दो दर्जन से अधिक संतों की झांकियां भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहीं।

साईं लीलाशाह की भजन संध्या

चार अप्रैल को शाम 8 बजे से मेले में लीलाशाह की भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिसमें इंदौर के भजन गायक जैन बंधु अपनी भक्तिमय स्वरलहरियों से भक्ति और श्रद्धा के स्वरों से श्रद्धालुओं को डुबोएंगे। इसके साथ देर रात 4 अप्रैल को मेले का समापन होगा।

कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक गिरधारी लाल भगत्यानी हेमन्त भोजवानी, सूर्य प्रकाश मदनानी, जितेन्द्र त्रिलोकानी, सुनील करमचंदानी, श्याम भोजवानी, उमेश पेरवानी, प्रदीप वनवारी, नरेश लखवानी, जेपी धर्मानी, जेके मदनानी, नंदलाल छतानी, मेघराज लाडकानी, महेश मघरानी, नरायण दास, भोजराज लालवानी, भगवान आवतानी, केलाल त्रिलोकानी, लालचंद मोटवानी, कमल छाबड़िया, लक्ष्मण भावनानी, बीडी दासवानी, सुन्दर चेतवानी, जह्नवी बजाज, संगीता खुशलानी, पूजा भोजवानी, वर्षा धर्माणी, ललिता करमचंदानी, सोनू मदनानी, संजय नोतनानी, हरीश लालवानी, राकेश लालवानी, घनश्याम हेमलानी, भरत मंगलानी, दिनेश नोतनानी, प्रकाश मंघरानी आदि मौजूद रहे।

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