आगरा। आगरा ग्रामीण विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मतदाताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। क्योंकि ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में ही विकास कार्य न कराए जाने को लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा था। तब यहां से भाजपा से ही हेमलता दिवाकर विधायक थीं। लोगों ने विकास कार्य कराए जाने पर मतदान बहिष्कार का ऐलान भी कर दिया था। अब भले ही लोगों के आक्रोश के दबाव में प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य शुरू कर दिया है लेकिन इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी को लेकर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है।
दरअसल आपको बताते चलें विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में जनपद आगरा की ग्रामीण विधानसभा से बेबी रानी मौर्य को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है। इससे पहले बेबी रानी मौर्य राज्यपाल के पद पर भी रह चुकी हैं। पूर्व राज्यपाल एवं भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण विधानसभा से विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। आगरा ग्रामीण विधानसभा के मतदाताओं में भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य के खिलाफ तीखा आक्रोश है। आक्रोशित मतदाता भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भाजपा के विधायक ने इस क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया। ऐसे में अब उन्होंने प्रत्याशी बदलने का मन बना लिया है। आगरा ग्रामीण विधानसभा के लकावली गांव की बात हो या आगरा ग्रामीण विधानसभा के धनौली गांव की बात हो या फिर आसपास के अन्य गांव में रहने वाले ग्रामीणों की, सभी भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ धीरे-धीरे एकजुट हो रहे हैं।
मतदाताओं का यह आक्रोश भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य को भारी पड़ सकता है। वहीं जानकारों के मुताबिक आक्रोशित मतदाताओं का लाभ अन्य प्रत्याशियों को भी मिल सकता है। आगरा ग्रामीण विधानसभा के कई गांव में ‘विकास नहीं तो वोट नहीं’ के पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं। आक्रोशित मतदाताओं का लाभ लेने के लिए अब अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने भी दौड़ लगा दी है। अब देखना होगा कि आगरा ग्रामीण विधानसभा की जनता किसके सिर पर ताज पहनाती है।