तालिबान के सत्ता पर पकड़ कायम होते ही बर्बर हत्याओं के वाकये सामने आने लगे हैं। अफगानिस्तान के गोर प्रांत में तालिबान लड़ाकों ने गोर प्रांत में एक महिला पुलिसकर्मी (Afghan Policewoman) को उसके परिवार के सामने ही गोलियों से भून डाला। एक अफगान पत्रकार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पत्रकार ने जानकारी दी कि निगारा 6 माह की गर्भवती थी, लेकिन तालिबान लड़ाकों ने जरा भी रहम नहीं दिखाया औऱ उसके पति और बच्चों के सामने उसे गोलियां मार (Taliban shoots pregnant female policeman) दीं।
हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि महिला पुलिसकर्मी को तालिबान लड़ाकों ने गोली क्यों मारी। वहीं रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक का कहना है कि तालिबान के भय के कारण महिलाओं के बीच हिजाब औऱ बुर्का खरीदने की होड़ मच गई है। बाजारों में हिजाब औऱ बुर्का खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। ऐसा ही वाकया 1990 के दशक में तालिबान के कब्जे के बाद देखने को मिला था।
यह वाकया ऐसे वक्त आया है, जब हेरात में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इन महिलाओं की मांग थी कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार में महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए, साथ ही महिलाओं के लिए पुरुषों के समान अधिकारों (women rights) की मांग को लेकर भी इन महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी। हेरात में महिला प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर और तख्तियां लिए हुए थीं। वो देश की राजनीतिक व्यवस्था से महिलाओं को बाहर निकाले जाने का विरोध कर रही थीं।
सुरक्षा और आतंकवाद मामलों के विशेषज्ञ सज्जन गोहेल का कहना है कि महिलाओं के मन में तालिबान को लेकर दहशत है। महिलाओं के लिए यह बेहद दर्दनाक दौर है। तालिबान में नई पीढ़ी को फिर से उसी संकीर्ण मानसिकता वाले दौर में धके दिया गया गया है। तालिबान की क्रूरता की जो कहानियां उन्होंने किताबों में पढ़ी हैं या अपने बड़ों से सुनी हैं, वो अब उनके सामने हैं।