Agra. जयपुर हाउस स्थित वाणिज्यकर कार्यालय में मथुरा के चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल से 43 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस ने आरोपी सिपाही संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जिसको आज मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस घटना को अंजाम देने वाले दो अधिकारी और निजी गाड़ी का चालक अभी फरार हैं।
मथुरा के गोविंद नगर क्षेत्र के रहने वाले चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल 30 अप्रैल को अपनी गाड़ी से बिहार के कटिहार से वापस लौट रहे थे। उनकी गाड़ी में एक थैले में चांदी के जेवरात की बिक्री के 43 लाख रुपये रखे थे। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर वाणिज्यकर विभाग के सचल दल के सिपाही ने उनकी गाड़ी को रोक ली और वाणिज्य कर अधिकारी के पास उसे ले गया था। इसके बाद वाणिज्यकर अधिकारी व्यापरी को जयपुर हाउस स्थित कार्यालय लेकर आए थे।
आरोप है कि वाणिज्यकर अधिकारियों ने व्यापारी से चांदी के बारे में पूछताछ करने लगे लेकिन व्यापारी किसी भी तरह की चांदी के गाड़ी में होने से इंकार करते रहे। वाणिज्यकर के अधिकारियों व पुकिसकर्मी ने गाड़ी की तलाशी ली। जिसमे 43 लाख रुपए रखे हुए थे जिसे देख अधिकारियों की नीयत डोल गयी और 43 लाख जबर्दस्ती रख लिए। इस मामले में थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज किया गया।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि मुकदमे में असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, सिपाही संजीव कुमार और प्राइवेट गाड़ी चालक दिनेश कुमार के नामों को शामिल किया गया है। विवेचना में पता चला कि सिपाही ने गाड़ी रोकी थी। इसके सीसीटीवी फुटेज मिल गए हैं। आरोपियों की लोकेशन भी ली गई। विभागीय जांच में भी अधिकारी और अन्य की पुष्टि हुई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी थी। सोमवार को पुलिस ने सिपाही संजीव कुमार को लोहामंडी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। उससे पुलिस अधिकारियों ने घटना के संबंध में पूछताछ की।
एसपी सिटी ने बताया कि सिपाही से पूछताछ में पता चला कि वह बुलंदशहर का रहने वाला है। जनवरी 2020 से वाणिज्य कर कार्यालय में तैनात है। वह वर्तमान में प्रताप नगर, जगदीशपुरा में रहता है। उसने गाड़ी को रोकने की बात कबूल की है। हालांकि रकम के बारे में जानकारी से इनकार कर रहा है। उसे मंगलवार को एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ में पेश किया जाएगा। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में पुलिस टीम लगी है।
43 लाख रुपये की लूट और भ्रष्टाचार के मुकदमे में वाणिज्यकर के दो अधिकारी और निजी गाड़ी का चालक भी आरोपी बनाए गए हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी भूमिगत हो गए हैं। उनकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह प्रयागराज में हैं। पुलिस उनके रिश्तेदार और परिचितों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है, जिससे आरोपी अधिकारियों के बारे में पता चल सके।