समाजसेवी अन्ना हजारे किसानों के समर्थन में उतर आए है। उन्होंने किसानों के समर्थन में आमरण अनशन का एलान किया है। इसके लिए उन्होंने बापू की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी का दिन चुना है। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से अन्ना हजारे आमरण अनशन शुरू करेंगे। हालांकि, सरकार अन्ना को मनाने की कोशिश कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, अन्ना हजारे रालेगण सिद्धि स्थित यादव बाबा मंदिर में आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। अन्ना हजारे का कहना है कि वह साल 2018 से केंद्र सरकार से विनती कर रहे हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते उन्हें मजबूरन आमरण अनशन करना पड़ेगा।
किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे के आमरण अनशन शुरू होने से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, इसीलिए अन्ना को मनाने के लिए केंद्र सरकार जोर-शोर से जुटी हुई है। अब तक महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटिल समेत अन्य नेता अन्ना से रालेगण सिद्धि में मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, बातचीत के दौरान कोई रास्ता नहीं निकल सका। अन्ना स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों और एमएसपी की मांग पर अड़े हुए हैं। अब केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी आज (29 जनवरी) अन्ना से मुलाकात करेंगे और उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे।
सूत्रों की माने तो इस मामले को सुलझाने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी कमर कस चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन से मुलाकात कर एक ड्राफ्ट तैयार किया, जो अन्ना हजारे को दिया गया है। अन्ना इस ड्राफ्ट की कमियों की जानकारी देंगे। अगर सरकार इन कमियों को दूर करने पर हामी भरती है तो अन्ना अपना अनशन वापस ले सकते हैं।
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