Home » जम्मू कश्मीर में जबरन किशोरियों के धर्मांतरण कराए जाने की घटना पर सिख समाज ने जताया रोष

जम्मू कश्मीर में जबरन किशोरियों के धर्मांतरण कराए जाने की घटना पर सिख समाज ने जताया रोष

by admin
Sikh society expressed anger over the incident of forced conversion of teenage girls in Jammu and Kashmir

Agra. जम्मू कश्मीर में सिक्ख समाज की बच्चियों के बंदूक की नोक पर हुए धर्मांतरण की घटना से आगरा के सिक्ख समाज में रोष व्याप्त है। इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर से लेकर आगरा में भी सिख समाज के लोग सड़कों पर उतर आए है। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर सिक्ख समाज के प्रतिनिधि मंडल ने आगरा जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रधान मंत्री को संबोधित ज्ञापन को आगरा के अपर जिलाधिकारी नगर डॉ प्रभाकांत अवस्थी को सौंपा।

आपको बताते चले कि इस मुद्दे को लेकर पिछले दिनों गुरूद्वारा गुरु के ताल पर मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में समाज की एक बैठक हुई जिसमें इस घटना पर सभी ने रोष व्यक्त करते हुए कार्यवाही की मांग की थी। समाज के लोगों का कहना था कि एक समाज की बच्चियों कारण का उनका धर्म परिवर्तन कराकर 50 साल के बुजुर्गों से शादी कराई जा रही है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसको लेकर जम्मू-कश्मीर में सिख समाज के लिए नौजवान सड़कों पर हैं, यह घटना निंदनीय है जिसे समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश नहीं करेगा।

इसी सन्दर्भ में सिक्ख समाज के प्रतिनिधि मंडल ने आज जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और अपर जिलाधिकारी नगर डॉ प्रभाकांत अवस्थी को प्रधान मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से सिख समाज ने मांग की है कि कश्मीर के अंदर सिख बच्चियों के साथ हो रही जबरदस्ती, अपहरण व धर्म परिवर्तन करा जबरदस्ती से निकाह किया जा रहा है जिससें सम्पूर्ण सिख समाज में रोष व्याप्त है। सिख बच्चियों पर जुल्म को तुरन्त रोका जाए और ऐसा करने वालो पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर सख्त सजा दी जाए।

समाज के लोगों ने यह भी मांग की है कि देश के अन्य प्रदेशों की तरह इस राज्य में भी ऐसा कानून लागू किया जाए कि इस तरह के विवाह बिना माँ बाप की स्वीकृति के न हो और केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर संपूर्ण देश में एक समानता रूप कानून लागू कर अधिक प्रभावी बनाया जाए, साथ ही जम्मू कश्मीर में पुनः पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा घोषित किया जाए।

गुरूद्वारा गुरु के ताल के मौजूदा संत बाबा प्रीतम सिंह ने कहा कि यह एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना है और किसी को किसी भी समाज मे जबरन इस प्रकार के कृत्य करने की अनुमति कोई धर्म नहीं देता है। अगर इस तरह की घटनाएं नहीं रुकी तो समाज का आक्रोश देशभर में दिखाई देगा।

वीर महेंद्र पाल सिंह ने कहा के जब सरकार की तरफ से पीछे कानून लाया गया था, उस समय मुस्लिम बच्चियों को देश के विभिन्न भागों से सिख युवाओं ने बहुत ही सुरक्षित ढंग से कश्मीर में उनके घरों में पहुंचाया था लेकिन आज इस हरकत से उन तथाकथित समाज का हितेषी कहने वालों का राज खुल गया है।

समन्वयक बंटी ग्रोवर ने केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि जिस प्रकार देश के अन्य राज्यों में लव जेहाद कानून लागू है यहां भी करना चाहिए और पुलिस को भी इस प्रकरण में निष्पक्षता दिखानी चाहिए ।

इस दौरान दलजीत सिह सेतिया, गुरमीत सिंह सेठी, ज्ञानी कुलविन्दर सिंह, सुरेन्द्र सिंह सलूजा एवं परमजीत सिंह मक्कर के मौजूद रहे।

Related Articles