Agra. 4 Jan 2024. आगरा का जिला अस्पताल इस समय सवालों के घेरे में है। एक युवक ने गंभीर आरोप लगाए हैं जिसके चलते जिला अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। युवक का आरोप है कि उसे स्वान ने काटा। वह एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आया था लेकिन उसे पहले से ही इस्तेमाल की गयी सीरिंज से एआरवी लगाया गया। उसका कहना है कि एक ही सीरिंज से कई लोगों को एआरवी लगाया जा रहा था जिसके चलते उसके शरीर पर लाल लाल चकत्ते हो गए हैं। उसने इसकी शिकायत जिला अस्पताल प्रशासन से की तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
27 दिसंबर 2023 को विशाल नाम का युवक एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल आया था। उसे स्वान ने काट लिया था। उसका आरोप है कि जिला अस्पताल में जिस सीरिंज से उसे एंटी रैबीज की पहली डोज़ लगाईं गई थी। उसी सिरिंज से कई अन्य लोगों को भी एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाया गया था। विशाल ने इंजेक्शन लगा रहे कर्मचारी को टोका भी और शिकायत कर दी जिसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने एआरवी लगा रहे ट्रेनी को वहां से हटा दिया लेकिन कार्यवाही के लिए अनसुना कर दिया।
सुबह उठा तो शरीर पर थे लाल चकत्ते
विशाल ने बताया कि 28 दिसंबर को जब सुबह उठा तो शरीर में खुजली हो रही थी। कपड़े उतारकर देखा तो पूरे शरीर पर लाल चकत्ते और फुंसी सी दिखाई देने लगी। विशाल और उसके परिवार वाले इस दृश्य को देखकर घबरा गए। विशाल अगली डेट पर एआरवी लगवाने आया तो उसने स्टाफ से शिकायत की और वहां मौजूद कर्मचारियों को अपना शरीर दिखाई तो सभी सकते में आ गए। पीड़ित युवक को एक डॉक्टर से दूसरी डॉक्टर के पास भेजने लगे। पीड़ित विशाल का कहना है कि उस इंजेक्शन के रिएक्शन के चलते एक पैर में लचक भी आ गई है और विशाल को चलने में अब परेशानी हो रही है।
डिप्टी सीएमएस से की शिकायत
पीड़ित ने इस पूरे मामले की अस्पताल के डिप्टी सीएमएस से शिकायत की। जिला अस्पताल के डिप्टी सीएमएस सीपी वर्मा मरीज विशाल की दशा को देखकर दंग रह गए। उन्होंने विशाल को देखकर कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं देखा कि किसी मरीज को रेबीज के इंजेक्शन के बाद इस तरीके से रिएक्शन हुआ हो। यह लक्षण एलर्जी के लगते है आपकी जांच करवाई जाएगी।
पीड़ित के पिता हैं परेशान
पीड़ित विशाल के पिता हरी मोहन का कहना है कि अगर मेरे बेटे को कुछ हो गया तो हम लोगों का क्या होगा, वह अकेला ही परिवार में कमाने वाला है। उन्होंने कहा कि यहां पर गरीबों को सुनने वाला कोई नहीं है। रेबीज के इंजेक्शन से मेरे बेटे की जान पर बन आई है। मेरे बेटे की इस हालात का जिम्मेदार सिर्फ जिला अस्पताल है। उन्होंने बेटे की हालत का जिम्मेदार जिला अस्पताल प्रशासन को ठहराया है।
मेडिकल स्टॉफ पर कार्रवाई की मांग
वहीं, पीड़ित विशाल का कहना है कि वह इस मामले की पूरी जानकारी जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी को देंगे। ऐसे लापरवाह मेडिकल स्टॉफ पर कड़ी कार्रवाई की जा सके। जिससे भविष्य में किसी अन्य मरीज की इस तरह जान पर न बन आए।
आरोपों को निराधार बताया
सीएमएस अनीता शर्मा से इस संबंध में वार्ता की तो उनका कहना था कि मामला उनके संज्ञान में आया है लेकिन वह मरीज के आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखती। क्योंकि उनके यहां एआरवी की कभी भी कमी नहीं होती है और डिस्पोजल सीरिंज से ही एआरबी वैक्सीन लगाई जाती है तो यह कैसे संभव है कि एक ही सीरिंज से कई लोगों को वैक्सीन लगाई गई हो। उन्होंने यह भी कहा कि लाल चकत्ते शरीर पर होना एलर्जी के लक्षण है और उन्हें पता चला है कि युवक पहले से ही कई दवाइयां का सेवन कर रहा था जिसके चलते रिएक्शन होने की संभावना लगती है।