Agra. हिजाब का मामला लगातार तूल पकड़ता चला जा रहा है। एक तरफ मुस्लिम समाज इसे अपनी संस्कृति से जोड़ रहा है तो वहीं स्कूलों में हिजाब को प्रतिबंध किए जाने की मांग भी उठ रही है। हिजाब के उठ रहे मामले को लेकर सर्व समाज हित सेवा समिति की ओर से जिला मुख्यालय पर प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन दिया गया और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई।
सर्व समाज सेवा समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि ‘हिजाब भारतीय संस्कृति का ही एक हिस्सा है। जिस तरह से हिंदू महिलाएं घूंघट करती हैं उसी प्रकार से हिजाब भी है। लोगों की दूषित निगाहों और मानसिकता से बचने के लिए मुस्लिम महिलाएं हिजाब का प्रयोग करती हैं लेकिन कुछ लोगों ने कर्नाटक में हिजाब के मामले को तूल दे दिया है जो किसी भी प्रकार से भी ठीक नहीं है। आज राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन सौंपकर हिजाब मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।’
सीता माता का दिया उदाहरण
ज्ञापन सौंपने के दौरान मोहम्मद जहीरूद्दीन ने सीता माता का उदाहरण दिया उनका कहना था कि जब रावण सीता माता को उठाकर लंका ले गया था तो उसी सीता माता ने घूंघट में रहकर और एक तिनके से लकीर खींच कर अपनी रक्षा की थी। घूंघट तो भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और इस देश में सर्व धर्म के लोग रहते हैं इसीलिए हिजाब जैसे मामले को जो लोग बेवजह तूल दे रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सर्व समाज हित सेवा समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि हिजाब मामले को लेकर कुछ लोग बेवजह माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारतीय संस्कृति का सभी लोग आदर सम्मान करते हैं और सभी मिलजुल कर रहते हैं तो फिर हमें भी एक दूसरे की संस्कृति का पालन करना चाहिए लेकिन कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा नहीं होने दे रहे हैं।