आगरा में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर बनाई गई बीएसयूपी योजना के 3640 मकान अब तक आवंटित नहीं हो पाए हैं। उद्घाटन से पहले खंण्डहर में तब्दील हुई इस योजना के लिए आगरा एडीए ने जांच बिठाई थी और अब 15 सितंबर को इसकी रिपोर्ट आने वाली है। रिपोर्ट आने पर जहां आवंटियों को लाभ मिलना है तो वहीं घटिया निर्माण के दोषियों की गर्दन भी फंसने वाली है।
2009 में शुरू हुई थी योजना
बता दें कि बसपा के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर डूडा द्वारा बीएसयूपी योजना शुरू की गई थी। इसके तहत डूडा ने एडीए को गरीबों के लिए 3640 मकान बनाने का काम दिया था।
12 साल में नहीं हो पाया उद्घाटन
बीएसयूपी योजना के तहत लाटरी सिस्टम से लोगों को मकान आवंटित किए गए थे। इसके लिए लोगों ने पैसा भी जमा करवाया था। मकान बनते बनते बसपा का शासनकाल खत्म हो गया और सपा शासन काल मे अधिकारियों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। योजना में अधिकारियों और ठेकेदारों ने निर्माण में जमकर धांधली की। उसका नतीजा यह निकला कि योजना का उद्घाटन भी नहीं हो पाया और ज्यादातर मकान खंण्डहर में तब्दील हो गए। आधे से ज्यादा मकान की हालत ऐसी हो गयी है कि उनके ध्वस्तीकरण के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
67 लाख में हो रही जांच
आवास विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा किये गए इस घोटाले के सामने आने के बाद 127 करोड़ की इस योजना की जांच के लिए इसी वर्ष जनवरी माह में आईआईटी रुड़की को 67 लाख रुपये चार्ज देकर जांच कराई गई है। एडीए वीसी राजेन्द्र पैंसिया के अनुसार 15 सितंबर को जांच रिपोर्ट आ जायेगी।
तीन तरह की हुई है जांच
बता दें कि विभाग द्वारा आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर्स को तीन तरह की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। पहली रिपोर्ट में ध्वस्त करने लायक मकान, दूसरी रिपोर्ट में मरम्मत के लायक मकान और तीसरी रिपोर्ट में सही हालत के मकानों को चिन्हित किया जाना है।
दोषियों पर होगी कार्यवाही
एडीए वीसी राजेन्द्र पैंसिया के अनुसार 15 सितंबर को रिपोर्ट आने के बाद सही हाल के मकानों को आवंटित किया जाएगा और जो मकान मरम्मत के लायक हैं, उनकी मरम्मत कर उन्हें आवंटित किया जाएगा। ध्वस्त होने लायक मकानों को ध्वस्त कर उनके पुनर्निर्माण पर विचार किया जाएगा। इस मामले में जो दोषी पाए जाएंगे, उन पर भी कठोर कार्यवाही की जाएगी।