Agra. बसपा के मंडलीय जनसभा में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने विपक्षियों पर जमकर हमला बोला। डॉ भीमराव आंबेडकर और कांशीराम को नमन करने के साथ शुरू हुआ राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा और समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, समाजवादी पार्टी सरकार में होने वाली गुंडागर्दी की याद दिलाते हुए लोगों से विधानसभा 2022 के चुनाव में पार्टी को मजबूत करने और आगरा मंडल की सभी 23 सीटों पर प्रत्याशियों को जिताने की अपील की।
जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि ‘बहन जी की सरकार में आधी आबादी सुरक्षित थी, अब तो आधी आबादी को घर से निकलने में डर लगता है। हाथरस कांड की याद दिलाते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि दलित की बेटी के साथ क्या हुआ यह सभी ने देखा। उस घटना में भाजपा के लोग हंस रहे थे तो उस बेटी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया। प्रशासन व पुलिस में बैठे अपने नुमाइंदे को निर्देशित किया और उसकी सबको मिट्टी का तेल जलाकर आग लगा दी उस पीड़ित परिवार को अपनी बेटी का पार्थिव शरीर भी नहीं मिला।’
समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए सतीश चंद्र मिश्रा का कहना है कि समाजवादी पार्टी का शासन काल तो हर किसी ने देखा है। उस में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं होती। आपकी बहू बेटियां हो या फिर जमीन, कुछ भी सुरक्षित नहीं है। सपा सरकार बनते ही सपा के गुंडे बाहर निकल आते हैं और हमलावर होना शुरू कर देते हैं। क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि 5 साल बाद उनकी सरकार नहीं आनी। 5 साल में जितना लूटना है उतना लूट लेना चाहिए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बचना है। चुनाव का समय है किसी के बहकावे में नहीं आना। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को वो इतिहास भी सुनाया जब सपा सुप्रीमो पर जानलेवा हमला हुआ था जिसे कोई भी भुला नहीं सकता।
बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा पर हमला पर होते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने आरक्षण को खत्म करने की नई नीति शुरू कर दी है सभी विभागों को प्राइवेट किया जा रहा है और बेचा जा रहा है। जब हम सरकारी संपत्ति को प्राइवेट कर देंगे और इसे बेच देंगे तो उसका मालिक कंपनी हो जाएगी कंपनी में कभी आरक्षण नहीं चलता है। जब आरक्षण नहीं होगा तो समाज का उत्पीड़न होगा। भाजपा सरकार की यह सोची समझी साजिश है जिसे रोकने के लिए हमें एक बार फिर बहन मायावती की सरकार बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसान आंदोलन कितने दिन चला यह सब ने देखा। कृषि कानूनों के विरोध में चलाए गए किसान आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवा दी, किसानों की जान चली गई और उसके बाद तीन कृषि कानूनों को वापस लिया गया। यह कैसी सरकार है। सरकार पूरी तरह से संवेदनहीनता वाली है जिस को मुंहतोड़ जवाब देना है।