आगरा। मोहब्बत की निशानी ताजमहल पर इस समय मौसमी कीड़ों का हमला हो रहा है। मौसमी कीड़ों के कारण सफेद संगमरमरी ताजमहल की सुंदरता पर असर पड़ रहा है। ताजमहल पर गोल्डी कायरो नोमस नाम के कीड़े का हमला है जो ताज के सफेद रंग को धीरे-धीरे हरा कर देता है। मौसमी कीड़े के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी ताज को इन मौसमी कीड़ों से बचाने में जुट गया है।

आपको बताते चलें कि शनिवार को ताजमहल के संरक्षण की लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी मेहता ने ताजमहल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ताजमहल के संरक्षण के लिए चल रहे कार्यों को देखा और एएसआई के रसायनविदों और पर्यावरणविदों के साथ इमारत की संरक्षण के लिए चल रहे कार्य को बारीकी से देखा। इस दौरान उन्हें ताजमहल पर कीड़े भी दिखाई दिए। जिनके बारे में एम सी मेहता ने अधीक्षण पुरातत्वविद वसंतकुमार स्वर्णकार से पूछा तो उन्होंने बताया कि यमुना में अत्यधिक गंदगी के कारण यह कीड़े पैदा होते हैं और ताजमहल तक पहुंच जाते हैं। यमुना की गंदगी साफ हो जाए, नदी में पानी गति के साथ बहता रहे तो यह कीड़े पैदा नहीं होंगे।
यमुना की तलहटी में पनप रहे यह कीड़े उड़कर ताजमहल की दीवार पर चिपक जाते हैं। यह बेहद सूक्ष्म होते है जिसके कारण यह नजर नहीं आते लेकिन ताजमहल पर जहां जहां यह कीड़े चिपकते हैं वहां के रंग को खराब कर देते हैं। इस समय गोल्डी काइरो नोमस कीड़े का हमला ताज पर है इसलिए कीड़ों को ताज की दीवार से हटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की केमिकल शाखा पूरे प्रयास कर रही है। ताजमहल की जिस भी दीवार पर यह कीड़े दिख रहे है, वहाँ पर धुलाई की जा रही है और दीवार को पोछा जा रहा है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग अधीक्षण रसायनज्ञ डॉ एमके भटनागर ने बताया कि यह कीड़ा हर सीजन में ताज पर पहुंचता है लेकिन यह कीड़ा यमुना की तलहटी पर जहां वह गंदगी होती है वही पनपता है। यह कीड़ा सहज की सुंदरता पर हमला करता है। ताज की दीवार पर जहां भी यह कीड़े नजर आ रहे हैं उन दीवारों की पानी से अच्छी तरह सफाई करवा दी जाती है। सीजन खत्म होने के बाद यह कीड़े अपने आप उड़ जाते हैं।
अगर आप हमारे न्यूज़ ब्रेकिंग के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करके हमें सपोर्ट करें, धन्यवाद…
https://chat.whatsapp.com/LaErqf25r0FDcVNYJTZMo9