आगरा के पचगाई खेड़ा गांव में फ्लोराइड से दिव्यांग हो रहे बच्चों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग गंभीर नजर आ रहा है। महफूफ संस्था के अध्यक्ष और चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस की शिकायत पर आयोग ने आगरा जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार और आगरा सीएमओ को इस संबंध में जांच के आदेश के साथ कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है और बीस दिन में इससे सबंधित जांच कि रिपोर्ट मांगी है।
आरटीआई एक्टिविट्स और महफूज संस्था के अध्यक्ष नरेश पारस ने हाल ही में चिकित्सकों की टीम के साथ पचगाई खेड़ा गांव का दौरा किया था जिसमे वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय चतुर्वेदी एवं एस एन मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक शामिल थे। चिकित्सकों ने पाया कि गाँव के पानी में फ्लोराइड अत्याधिक मात्रा में है। जिसके कारण अधिकतर बच्चे छोटी उम्र में विकलांग हो रहे है। किसी के पैर और हाथ टेढ़े हैं तो कोई चलने में असमर्थ हैं।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस पानी को पीने से हाथ पैरों वह कमर में दर्द रहता है व दातों में भी परेशानी रहती है। इस समस्या को आरटीआई एक्टिविट्स नरेश पारस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सामने रखा था जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने जिलाधिकारी आगरा से 20 दिनों में जवाब तलब किया है।
आरटीआई एक्टिविट्स के कहना है कि आयोग के हस्तक्षेप से इस गांव की पेयजल समस्या का निराकरण हो सकेगा और फ्लोराइड पेयजल से जिन बच्चों की दुर्दशा हो रही है उन्हें मुआवजा भी मिल पायेगा।