फ़िरोज़ाबाद। राज्यसभा सांसद सुखराम यादव और टोल कर्मचारियों के बीच टोल मांगे जाने को लेकर विवाद हो गया। राज्यसभा सांसद ने अपनी सदस्यता का कार्ड भी दिखाया लेकिन टोल कर्मचारी नही माने जिसके बाद राज्यसभा सांसद धरने पर बैठ गये। राज्यसभा सांसद के धरने ओर बैठने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आलाधिकारी मौके पर पहुँच गए और सांसद सुखराम यादव को समझाने का प्रयास किया लेकिन सांसद नही माने और टोल कर्मचारियों की ओर से लिखित माफी मांगे जाने पर ही धरना खत्म किया।
मामला लखनऊ एक्सप्रेसवे के जनपद फिरोजाबाद के कठफोरी टोल का है। कानपुर निवासी राज्यसभा सांसद चौधरी सुखराम यादव अपनी काले रंग की मर्सिडीज कार से दिल्ली से कानपुर जा रहे थे। लखनऊ एक्सप्रेस वे से कानपुर जाने के लिए उतरे और सिरसागंज क्षेत्र स्थित एक्सप्रेस वे के कठफोरी टोल कर्मचारी ने उनकी गाड़ी रोककर टोल मांगना शुरू कर दिया। ड्राइवर ने उनके बारे में जानकारी दी तो उसने आइकार्ड मांग लिया। कार्ड को देखने पर कर्मचारी की टिप्पणी सुनकर चौधरी सुखराम सिंह नाराज हो गए और गाड़ी से उतर गए।
कर्मचारी का कहना था यह कार्ड तो पार्लियामेंट जाने और रेलवे में यात्रा के लिए है। यदि टोल से निकलना है तो पैसा देना पड़ेगा। ड्राइवर उतरकर कुर्सी ले आया और चौधरी सुखराम सिंह टोल के किनारे धरने पर बैठ गए।
इस घटना से आक्रोशित राज्यसभा सांसद ने डीएम फीरोजाबाद से बात की। इसकी खबर लगते ही सिरसागंज इंस्पेक्टर सुनील तोमर फोर्स के साथ पहुंचे और उन्हें मनाया, मगर उन्होंने साफ इन्कार कर दिया। लगभग आधा घंटे तक वे वहीं बैठे रहे। टोल के अधिकारी द्वारा लिखित माफी मांगने के बाद वे कानपुर के लिए रवाना हो गए।
एसडीएम देवेंद्र पाल सिंह का कहना है कि मेरे पहुंचने के बाद मामला खत्म हो गया था। टोल प्लाजा के कर्मचारियों को हिदायत दी गई है।
टोल से कानपुर के लिए रवाना होने के दौरान राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा कि टोल कर्मचारियों ने अभद्रता की। इसके बाद वे धरने पर बैठे थे। लिखित में दिया गया माफीनामा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को देकर शिकायत करुंगा। कर्मचारियों का व्यवहार ठीक नहीं था।