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आगरा में भाजपा सांसद का विरोध, क्षत्रिय समाज ने विरोध में लगाए पोस्टर

by pawan sharma

आगरा. 9 मार्च 2024. मोदी सरकार में मंत्री और आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल की मुश्किलें इस बार भाजपा के कार्यकर्ता ही बढ़ाते दिख रहे हैं। एस पी सिंह बघेल की राह में एत्मादपुर विधानसभा का क्षत्रिय समाज रोड़ा बनकर खड़ा हो गया है। गांव-गांव जाकर क्षत्रिय समाज के लोग महापंचायत के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। यह बात एकदम स्पष्ट तब हो गई जब शनिवार सुबह लोग घरों से निकले तो चौराहों पर पोस्टर देखें। जिन पर लिखा हुआ था- ‘मोदी योगी तुमसे से बैर नहीं, एसपी सिंह की खैर नहीं।’

सोशल मीडिया पर भी इसी तरह की पोस्ट वायरल हो रहीं हैं। यह पोस्ट और पोस्टर क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने होर्डिंग को हटाना शुरू कर दिया। पुलिस ने होर्डिंग को तो हटा दिया है लेकिन विरोध के बगावती सुर और मुखर हो रहे हैं। क्योंकि रविवार को क्षत्रिय महापंचायत का ऐलान हुआ है। माना जा रहा है कि क्षत्रिय समाज की अच्छी खासी संख्या इस महापंचायत में पहुंचने वाली है। जितनी अधिक संख्या इस महापंचायत में उड़ेगी उतनी ही समस्या प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को इस बार के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगी।

आइए आपको बताते हैं कि इस महापंचायत की नौबत क्यों आन पड़ी है। दरअसल 17 फरवरी को एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र के थाना खंदौली क्षेत्र की निवासी बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा ने पुलिस भर्ती परीक्षा से एक दिन पहले ही घर में फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी। छात्र बघेल समाज से थी। इस मामले में क्षत्रिय समाज के कलुआ, उसके भाई जीतू बंटी और मां अनिल देवी के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री व सांसद एसपी सिंह बघेल ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कार्यवाही का भरोसा दिया था। उसी रात मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में खंदौली के थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया था। तभी से क्षत्रिय समाज उनके विरोध में आ गया था क्योंकि सस्पेंड हुए यह तीनों पुलिसकर्मी भी क्षत्रिय समाज से थे। जिसके पास से क्षत्रिय समाज ने महापंचायत के लिए गांव-गांव जाकर क्षत्रिय समाज के लोगों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और 10 मार्च को मुड़ी चौराहे पर महापंचायत का ऐलान कर दिया।

हालांकि इन्हें समझाने के लिए प्रशासन नहीं कई बार कोशिश की लेकिन वार्ता विफल रही। वहीं शांति भंग की आशंका के चलते क्षत्रिय समाज के 36 लोगों को शांति भंग की आशंका के चलते पाबंद कर दिया। पुलिस ने 1 वर्ष की अवधि के लिए एक लाख की राशि के व्यक्तिगत बंध और दो जमानती को लेकर 11 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होने का नोटिस थमा दिया। लेकिन इस नोटिस का क्षत्रिय समाज के लोगों पर कोई असर देखने को नहीं मिला है। क्योंकि देर रात तक क्षत्रिय समाज के लोग गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करते हुए देखे गए। वैसे भी चुनाव पास आते ही चुनावी हलचल और सियासी घमासान होना लाजमी है।

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