Agra. उत्तर प्रदेश रोडवेज एंप्लाइज यूनियन ने रोडवेज़ क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंढीर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रामजी त्रिपाठी ने 29 जून को आत्मदाह का ऐलान करते हुए कहा कि ‘अगर रोडवेज परिवहन के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह 29 जून को मुख्यालय पर जाकर आत्मदाह करेंगे।’ आगरा में यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी ऐलान किया है कि अगर अध्यक्ष यह कदम उठाएगा तो उसके कार्यकर्ता भी उसके साथ आत्मदाह करेंगे।
उत्तर प्रदेश रोडवेज इंप्लाइज यूनियन आगरा परिक्षेत्र के पदाधिकारी और और सदस्यों ने इस संबंध में एक पत्र लिखना शुरू कर दिया है। यह पत्र आगरा के जिला अधिकारी और यूपी रोडवेज के चेयरमैन को लिखा जा रहा है। इस पत्र के माध्यम से यूनियन के पदाधिकारी और सदस्य चेतावनी दे रहे हैं कि अगर परिवहन निगम के जिन अधिकारियों की सूची सौंपी गई है, अगर उन पर कार्यवाही नहीं की गई तो वे भी मजबूरन रामजी त्रिपाठी के साथ मुख्यालय पर आत्मदाह करेंगे।
बताते चलें कि आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंढीर हैं जिनके खिलाफ यूनियन ने मोर्चा खोल रखा है। यूनियन का आरोप है कि मनोज पुंढीर भ्रष्टाचार के कई मामलों में संलिप्त है लेकिन मुख्यालय में बैठे अपने आकाओं के कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि भ्रष्टाचार से संबंधित कई बार पत्र और सबूत अधिकारियों को सौंपी गए हैं।
सूत्रों की माने तो ट्रांसफर नीति को रोडवेज आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंढीर ने अपने स्वार्थ की नीति बना ली है। ट्रांसफर के नाम से रोडवेज के कर्मचारियों और अधिकारियों से वसूली की जा रही है। पहले ट्रांसफर कर दिया जाता है जब कर्मचारी और अधिकारी परेशान होता है तो फिर लेनदेन करने के बाद उसका ट्रांसफर रोक दिया जाता है। कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि ट्रांसफर नीति को निजी स्वार्थ में क्षेत्रीय प्रबंधक उपयोग कर रहे हैं तो वहीं बस स्टैंड पर जितनी भी स्टाल लगी है उन स्टॉल पर मानक के अनुसार वस्तुएं नहीं बेची जा रही हैं। इन स्टॉल स्वामियों पर भी मनोज पुंढीर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।
यूनियन का आरोप है कि वहां से भी सुविधा शुल्क जाता है। इसीलिए जिस चीज के लिए स्टॉल रोडवेज मुख्यालय से दी गई है उसके सामान तो सिर्फ नाम मात्र के लिए रखा जाता है, बाकी अन्य वस्तुओं की स्टॉल से बिक्री की जाती हैं।