फ़िरोज़ाबाद। फिरोजाबाद के गोथुआ गांव में ग्रामीणों द्वारा अपने मकानों पर ‘यह मकान और खेत बिकाऊ है’ की वाल पेंटिंग करने का मामला अब राजनैतिक रंग लेने लगा है। कुछ राजनैतिक लोग भले ही इसे तूल दे रहे हो लेकिन समाजवादी पार्टी से सिरसागंज विधायक हरिओम यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस मामले को गांव की पंचायत के माध्यम से सुलझाने की बात कही है। उनका कहना है कि दो छात्रों में हुई लड़ाई को वर्चस्व की लड़ाई बनाकर तूल दिया जा रहा है जबकि छात्र की कोई जात नहीं होती, कोई वर्ग नहीं होता। कुछ दिनों बाद छात्र आपस में मिल जाएंगे और बड़े लोगों के बीच फैली वैमनस्यता के कारण झगड़े बढ़ते चले जाएंगे। इस मामले को आपस में भाईचारे के माध्यम से सुलझाना चाहिए।
थाना नारखी क्षेत्र के गांव गोथुआ में एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमे लिखे जाने से ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर अनोखा प्रचलन शुरू किया। उन्होंने दीवारों पर ‘यह मकान और खेती’ बिकाऊ है लिखकर पोस्ट को शेयर कर दिया। उसके बाद ही पुलिस महकमे में ह़ड़कंप मच गया। जानकारी करने पर पता चला कि एक जाति विशेष के लोगों द्वारा एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कराए जाने के भय से वे गांव छोड़ने को विवश हैं।
बताया जाता है कि गोथुआ गांव में ठाकुर और जाटव समाज के लोगों के बीच विवाद चला आ रहा है। आए दिन दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटनाएं होती हैं और दलित समाज की ओर से एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। 14 लोगों को इस एक्ट के तहत फंसाया जा चुका है और अब गांव के नाबालिग बच्चों को भी फंसाने की तैयारी की जा रही है।
सिरसागंज विधायक हरिओम यादव का कहना है कि इस तरह से ग्रामीणों को अपना घर नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और हर झगड़े में एससी-एसटी की कार्यवाही न करे, क्योंकि इस का कोई औचित्य नहीं बनता।