जिसके कंधे पर किशोरी की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, उसी ने पीड़ित किशोरी के साथ न केवल दुष्कर्म किया बल्कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले चार आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की। जब मामला खुला तो थाना अध्यक्ष, एसओ और चार अन्य युवकों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं डीआईजी ने अपने स्तर पर इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
ललितपुर जिले में थाना पाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी किशोरी के परिजनों ने बताया कि 22 अप्रैल को पाली निवासी चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया उसकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे। जहां पर उन्होंने उनकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इधर मां ने 23 अप्रैल को बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस एक्शन में आई तो एक युवक नाबालिग बेटी को उसकी मौसी के साथ लेकर 26 अप्रैल को थाना पहुंचा और कहा कि किशोरी गायब नहीं हुई थी बल्कि वह भटक गई थी।
आरोप है कि थाना इंचार्ज तिलकधारी सरोज ने 27 अप्रैल को किशोरी के बयान दर्ज किए और फिर उसी शाम को थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद थाना इंचार्ज ने मौसी को बुलाकर नाबालिग बेटी को उसकी सुपुर्दगी में सौंप दिया।
इधर मां उसकी नाबालिग बेटी को अगवा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती रही। जिस पर पुलिस ने 30 अप्रैल को पीड़िता को बुलाकर चाइल्डलाइन के सुपुर्द कर दिया। काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने अपने साथ हुई पूरी घटना से अवगत कराया। मामला खुलने के बाद तत्काल थाना अध्यक्ष पाली तिलकधारी सर्वोच्च को सस्पेंड करते हुए उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले चारों युवकों के खिलाफ भी मुकदमा लिखा गया है। देर शाम डीआईजी जोगेंद्र सिंह और एसपी निखिल पाठक थाने पर पहुंचे और घटना की जांच पड़ताल की।
पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने बताया कि एक किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है। एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में थाना इंचार्ज को तत्काल निलंबित कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। वहीं एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जल्द ही अन्य युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।