हाथरस। हाथरस के चंदपा गांव में दलित पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को आगरा पुलिस ने खंदौली बॉर्डर पर ही रोक लिया। भारी संख्या में मौजूद सपा कार्यकर्ताओं के रोके जाने पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और जाम लगा दिया। इस बीच सपाइयों की मौजूद पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हो गई। बढ़ते मामले को देख पुलिस कर्मियों ने सपाइयों के काफिले पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गई, कई कार्यकर्ताओं के कपड़े फट गए वहीं इस दौरान सपा के पूर्व मंत्री रामजीलाल सुमन नीचे गिर पड़े और उन्हें चोटे भी आई जिसके बाद सपाइयों का आक्रोश और बढ़ गया।
वहीं दूसरी ओर पुलिस कर्मियों ने रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उन पर भी जमकर लाठी बरसाई गई। रालोद युवराज जयन्त चौधरी को बचाने के लिए कार्यकर्ता पार्टी सामने आ गए और पुलिस की लाठियां खाते रहे। पुलिस के इस तांडव का वीडियो सोशल मीडिया पर अब तेजी के साथ वायरल हो रहा है।
वहीं समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके में स्थित बिटिया के घर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने की। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन, पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव व अक्षय यादव, सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष जुगुल किशोर वाल्मीकि, विधान परिषद सदस्य, उदयवीर सिंह, जसंवत यादव और डॉ. संजय लाठर, छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राम करन निर्मल और सपा के आगरा जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजी लाल सुमन का कहना था कि पीड़ित परिवार से और उस बेटी से सामाजिक संवेदनाएं जुड़ी हुई है इसीलिए हर व्यक्ति उनके घर पहुंचना चाहता है। रामजीलाल सुमन ने पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और इस मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसे भी गलत बताया। उनका कहना था कि इस f.i.r. को मैनिपुलेट कर दर्ज कराया गया है जिससे आरोपी पक्ष को लाभ मिल सके।
रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पीड़ित परिवार से मिलकर लौट रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने देखा तो हाथरस मामले में बयान लेने के लिए उन्हे रोक लिया। जैसे ही पत्रकारों से जयंत चौधरी ने अपनी बात शुरू की, अचानक से पीछे से भारी संख्या में लाठियाँ बरसाते हुये पुलिसकर्मी इनपर टूट पड़े।
इस घटना के बाद जयंत चौधरी ने स्वयं यूपी सरकार को खुले शब्दों में चुनौती देते हुये कहा है कि अगर आपका लाठी चलाने का हक है तो मेरा अपने लोगों के साथ खड़े होने का हक है। खूब लाठी चलाओ, हमारा निश्चय उतना ही मज़बूत होगा। 8 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में मिलेंगे।
पुलिस के लाठी चार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही तेजी से लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मौजूदा सरकार को घेरते हुये दिखाई दिए। सपा-रालोद पर हुए इस लाठीचार्ज को लेकर Twitter पर भी लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है।