Agra. पिछले दिनों थाना शाहगंज क्षेत्र के डिवीजन चौकी के अंतर्गत ज्ञासपुरा में हुए अधिवक्ता राजबहादुर की गोली मारकर की गई हत्या का आगरा पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आगरा पुलिस ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो आरोपी तारकेश्वर मुद्गल और शिवांक मुद्गल को गिरफ्तार किया है। इसमें एक मृतक का भतीजा भी है जो इस पूरे हत्याकांड में शामिल था। इस पूरे हत्याकांड का आगरा एसएसपी ने प्रेस वार्ता का खुलासा किया।
2 नवंबर को हुई थी घटना
वरिष्ठ अधिवक्ता राजबहादुर मुद्गल की 2 नवंबर को हमलावरों ने गोली मार दी थी। अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। हथियारबंद लोगों ने भीड़भाड़ वाले इलाके में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर वारदात को अंजाम दिया था और मौके से फरार हो गए थे। इस घटना के बाद जहां अधिवक्ता समाज में रोष व्याप्त था तो क्षेत्रीय लोगों ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये थे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जांच पड़ताल शुरू की और दो हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया।
11 लोग नामजद, गिरफ्तारी 2 की
वरिष्ठ अधिवक्ता राजबहादुर की गोली मारकर हत्या करने के मामलों में मृतक के परिजनों ने 11 लोगों को नामजद किया था और तहरीर दी थी लेकिन इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो लोगों को ही पुलिस गिरफ्तार कर पाई है। पुलिस ने तारकेश्वर मुद्गल और शिवांक मुद्गल को गिरफ्तार किया है और अन्य 9 लोगों की धरपकड़ में जुट गई है।
अधिवक्ता महान मुद्गल थे टारगेट !
सूत्रों की मानें तो यह हत्याकांड अधिवक्ता महान मुद्गल की हत्या के लिए रचा गया था लेकिन निशाना उनके पिता राजबहादुर मुद्गल बन गए। हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें महान मुद्गल तो बच गए लेकिन उनके पिता गंभीर रूप से घायल हुए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। अब अधिवक्ता महान मुद्गल को भी अपनी जान का खतरा बराबर बना हुआ है।
कब्जे को लेकर हुआ था विवाद
आगरा एसएसपी ने बताया कि इस पूरे हत्याकांड की वजह दुकान पर कब्जे को लेकर है। बताया जाता है कि भोगीपुरा में इनकी पुरानी दुकानें हैं जिन पर कब्जा हो रखा है और इसी कब्जे के विरोध में काफी समय से परिवार में ही झगड़ा चल रहा है। इसी कारण आरोपियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
पिस्टल और कॉटेज किये बरामद
आगरा पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से पिस्टल भी बरामद की गई। बताया जाता है कि इसी पिस्टल से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।