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तीर्थ बटेश्वर में पूर्वजों के मोक्ष के लिए लोगों ने किया यमुना नदी किनारे दीपदान

by admin
People donated lamps on the banks of Yamuna river for the salvation of ancestors in Teerth Bateshwar

आगरा जनपद के तीर्थ धाम बटेश्वर में बैकुंठ चौदस पर गुरुवार को भारी संख्या में दूर दराज से पहुंचे लोगों ने अपने पूर्वजों की मोक्ष के लिए यमुना नदी किनारे दीपदान किया और भगवान से अपने पूर्वजों की प्रार्थना की। इस दौरान सैकड़ों दीपकों से यमुना के घाट झिलमिला उठे।

आपको बता दें उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ धाम बटेश्वर में कार्तिक मास में हर वर्ष लगने वाले लोक मेला का आयोजन किया जाता है। लोक मेला आयोजन का लोगों को इंतजार रहता है। जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ लोगों को अपनी संस्कृति देखने को मिलती है। वहीं इसी मेले के दौरान कार्तिक मास में पूर्णमासी से एक दिन पूर्व चौदस के दिन अपने पूर्वजों की मुक्ति हेतु दूरदराज से पहुंचने वाले लोग यमुना नदी में स्नान करके विधि विधान से यमुना नदी किनारे दीपदान करते हैं। बुधवार और गुरुवार को 2 दिन चौदस पर्व होने पर दोनों दोनों दिन लोगों ने यमुना किनारे दीपदान किया।

कार्तिक माह की चौदस को बैकुंठ चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि पूर्वजों के मोक्ष के लिए कार्तिक माह की चौदस को बटेश्वर में यमुना किनारे दीपदान करने से साल भर में प्राण त्यागने वाले पूर्वजों के लिए विष्णु भगवान के बैकुंठ धाम के द्वार खुल जाते हैं। ईश्वर भगवान की कृपा से उन्हें मोक्ष मिल जाता है।

इसलिए बटेश्वर मेला उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, आदि राज्यों से लोग भारी संख्या में तीर्थ धाम पहुंचते हैं और बैकुंठ चौदस पर अपने पूर्वजों की मुक्ति हेतु दीपदान करते हैं। जहां गुरुवार की देर शाम सैकड़ों की संख्या में बटेश्वर धाम पहुंचे लोगों ने विधि विधान से यमुना किनारे दीपदान किया। यमुना नदी में बहते दीपक और घाटों पर जलते हुए दीपक से यमुना किनारे घाट झिलमिला उठे चारों तरफ रोशनी से क्षेत्र प्रकाश में दिखाई दे रहा था। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से बटेश्वर के यमुना घाटों पर पूरी तरह से पुलिस फोर्स तैनात रहा।

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