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सब्जी की कड़ाही में गिरकर 1 वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत, मनाई जा रही थी उसके जन्मदिन की खुशियां

by admin

Agra. सब्जी की गर्म कढ़ाई में गिरकर मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। घर में खुशियां की तैयारियों में परिजन व्यस्त थे। घर में जन्मदिन पर बच्चे के कुआ पूजन की जोर शोर से तैयारी चल रही थी। तभी अचानक से मासूम खेलता हुआ गर्म सब्जी से भरी कढ़ाई के पास पहुंच गया और अचानक से उसमें जा गिरा। घटना को देखकर घर में चीख पुकार मच गई। बच्चे को बाहर निकाला। बच्चा बुरी तरह से झुलस गया था। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घर की खुशियां मातम में बदल गई हैं।

घटना सोमवार सुबह करीब 11 बजे थाना कागारौल के बाबूपाड़ा की है। यहां के निवासी विनोद कुमार के 1 वर्षीय बेटा वंश का कुआं पूजन और पहला जन्मदिन था। बच्चे के मांगलिक कार्यक्रम की खुशियां मनाने घर में परिवार के लोगों के अलावा रिश्तेदार भी एकत्रित हो गए थे। घर में टैंट लग गया था। एक तरफ घर में हलवाई लगे हुए थे, जो स्वादिष्ट व्यंजन और मिठाइयां बना रहे थे। वहीं घर परिवार के सभी लोग तैयारियों में व्यस्त थे। हलवाई दावत के लिए खाना बना रहे थे।

अचानक से वंश खेलता हुआ पहुंच गया। गर्म सब्जी से भरी बड़ी कढ़ाई जमीन पर रखी थी। वंश उसमें जा गिरा। वंश के गिरने से उसकी चीख पुकार सुनकर लोग दौड़े और उसे बाहर निकाला। लेकिन वह बुरी तरह से झुलस गया। जिससे उसने बाहर निकलते ही दम तोड़ दिया। पल भर में ही घर की खुशियां, मातम में बदल गई। बेटे की मौत से मां और पिता का रो रोकर बुरा हाल है।

जुड़वा भाई बहन का था जन्मदिन

मृतक वंश के पिता विनोद कुमार ने बताया कि वह त्रिवेणी कोरियर कंपनी संजय प्लेस में नौकरी करते हैं। उनकी शादी इलाहाबाद के अस्तुगंज बड़ा गांव की पिंकी से 5 मई 2020 को हुई थी। 9 मई 2023 को उनके 2 जुड़वां बच्चे हुए थे। दोनों जुड़वा भाई बहन वंश और वंशिका का पहला जन्मदिन था। वंश के कुंआ पूजन की तैयारी चल रही थी। लेकिन अचानक से हुई घटना ने परिवार को झकझोर दिया है।

हादसे में एक वर्ष के मासूम वंश की जान चली गई। वंश की मृत्यु के कई घंटे बीत जाने के बाद भी जुड़वा बहन वंशिका की आंखें भाई को घर के कोने कोने में तलाश रही है। भले ही वंशिका बोल नहीं पाती लेकिन भाई कहीं नहीं दिखाई दे रहा तो वह इशारों ही इशारों में मां से पूछ रही है। मां अब मासूम वंशिका को कैसे समझाए कि उसका भाई अब दुनिया में नहीं रहा। मां भी बहुत ही बेबस भरी आंखों से बेटे की मौत के गम को भुलाने के लिए वंशिका को सीने से लगा रही थीं।

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