Agra. ऑपरेशन मुस्कान के माध्यम से गुम हुए बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों तक पहुँचाकर अपने बच्चों को खोने वाले परिजनों के चेहरे पर खुशी लाने की पहल में जुटी जीआरपी को बड़ी सफलता हाथ लग रही हैं। जीआरपी पिछले 20 दिनों में 100 से अधिक लापता बच्चों का पता लगा चुकी है और उनके परिजनों को सौंपा भी जा रहा है। गुरुवार को जीआरपी लाइन में इस ऑपरेशन के माध्यम से खोजे गए बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा गया। अपने बच्चों को पाकर अभिभावकों की आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। अभिभावकों ने जीआरपी को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक ने दी।
प्रेस वार्ता के दौरान एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक का कहना था कि देश भर से बच्चों के गुम होने की खबरें सामने आती रहती हैं। घर से बिन बताए चले जाना या फिर बाजार में माता-पिता की उंगली छोड़ने के चलते दूर और गुम हो जाना, अक्सर इस तरह की कंप्लेन पुलिस की f.i.r. रजिस्टर में रजिस्टर्ड होती हैं। लेकिन यह f.i.r. रजिस्टर्ड होकर ही ना रहे जाएं इसको लेकर जीआरपी ने एडीजी रेलवे के निर्देश पर आगरा रीजन में ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत की है। इस ऑपरेशन के माध्यम से गुम हुए बच्चों को ढूंढ कर उनके परिजनों को सौंपने का कार्य किया जा रहा है।
एसपी रेलवे मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आगरा रीजन के विभिन्न जनपदों में 238 जीआरपी थानों में बच्चों की गुमशुदगी दर्ज थी। गुम हुए बच्चों के लिए कई टीमों का गठन किया गया था। जीआरपी द्वारा गठित टीमों ने फिलहाल 22 बच्चों को ढूंढ निकाला है और उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें बच्चे किसी बात को लेकर अपना घर छोड़ कर चले गए थे लेकिन वह घर पता होने पर वापस लौट आए।
एसपी रेलवे मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि जीआरपी में दर्ज गुमशुदगी के मामलों में देशभर के जिलों में कार्रवाई की जा रही है। वहां की पुलिस के साथ-साथ सामाजिक संगठनों से गुमशुदा बच्चों को ढूंढने के लिए मदद ली जा रही है जिनमें सफलता भी हाथ लगी है। इस समय जीआरपी टीम कोलकाता, चेन्नई, इंदौर, गुजरात आदि शहरों में गुमशुदा बच्चों को ढूंढने में लगी हुई हैं।
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