इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न लॉ कॉलेजों के छात्रों द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें लॉ स्टूडेंट्स ने उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के शौचालयों के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश देने की मांग उठाई है, जहां लेडीज़ टॉयलेट नहीं बनाए गए हैं।
इस दायर की गई याचिका में राज्य सरकार से निर्देश देने की मांग की गई है कि पुलिस स्टेशनों में शौचालय, पानी, बिजली, पंखा, डोर वर्न जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए।साथ ही इस बात को भी रखा गया कि महिलाओं की निजता और गरिमा का पूरा ख्याल रखा जाना जरूरी है।न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी और न्यायमूर्ति संजय यादव की खंडपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील को राज्य से इस संबंध में निर्देश देने के लिए कहा।साथ ही यह प्रश्न भी पूछा कि राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है ।इसकी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए।दरअसल लॉ स्टूडेंट्स द्वारा दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि इलाहाबाद शहर के पुलिस स्टेशन में अधबने, क्षतिग्रस्त और अपूर्ण शौचालयों का निर्माण पूरा किए जाने के दिशा निर्देश दिए जाएं।
‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2019’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक , 20 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने पुलिस स्टेशनों में महिला शौचालयों की कमी की शिकायत की थी।इस सर्वेक्षण में 21 राज्यों में 12,000 पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया था। यह रिपोर्ट जो कि दिसंबर 2019 में जारी की गई थी इसके अनुसार उत्तर प्रदेश, राज्य महिला शौचालयों की कमी या खराब स्थिति के मामले में देश में चौथे स्थान पर है।