आगरा। निर्भया हत्याकांड के आरोपियों को सजा का ऐलान होने के बाद देशभर में खुशी और हर्षोल्लास का माहौल है। देश ही नहीं बल्कि आगरा शहर की बेटियां भी अदालत के इस फैसले पर नाज कर रही हैं।
बताते चलें कि दिल्ली की एक बहादुर बेटी वहशी दरिंदे के सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थी। जहां इलाज के बाद निर्भया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसके बाद पूरे देश में आक्रोश भड़का था। इस मामले में 6 आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जिसमें एक आरोपी नाबालिग था। एक आरोपी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी जबकि चार हत्यारोपी अभी तक जेल में निरुद्ध हैं। इस मामले में पटियाला हाई कोर्ट ने निर्भया हत्याकांड के चारों आरोपियों को फांसी की सजा मुकर्रर करने का ऐलान कर दिया है। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद देश भर की बेटियां खुशी से फूले नहीं समा रही है।
निर्भया हत्याकांड एक ऐसा मामला है, जो पूरे देश भर में छाया रहा। निर्भया के परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरे देश में कैंडल मार्च से लेकर तमाम आंदोलन भी हुए और इस मामले को अदालत ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने का फैसला लिया था। मंगलवार को पटियाला हाईकोर्ट ने निर्भया हत्याकांड के चारों आरोपियों को फांसी की सजा मुकर्रर कर दी है और अब इन चारों ही आरोपियों को आगामी 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी लगाई जाएगी। निर्भया हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद आगरा की महिलाएं कहती हैं कि अब निर्भया के परिवार को न्याय मिला है।
सामूहिक बलात्कार करने के बाद निर्भया नाम की बेटी को मौत की नींद सुलाने वाले बस के ड्राइवर मुकेश कुमार, फिटनेस ट्रेनर विनय कुमार शर्मा, पढ़ाई छोड़कर बिहार से दिल्ली आया अक्षय सिंह और फल बेचने वाला पवन गुप्ता इस घिनौनी वारदात में शामिल था। 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली इलाके में चलती बस में 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। जहां 29 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गैंगरेप के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है जिसको लेकर महिलाओं और बेटियों में भारी हर्ष उल्लास है।
निर्भया के चारों आरोपियों का डेथ वारंट जारी होने के बाद महिलाओं का कहना है कि अब निर्भया भले ही इस दुनिया में ना हो। मगर निर्भया के परिवार को न्याय मिल गया है। इस तरीके की घिनौनी वारदात करने वाले आरोपियों को फांसी ही होनी चाहिए।