Agra. भ्रूण लिंग परीक्षण एक संगीन अपराध है। इस अपराध को रोकने के लिये कोठर सजा का प्रावधान है लेकिन कुछ लोग पैसों के खातिर इस अपराध को अंजाम दे रहे है और इस दुनिया मे आने से पहले ही मासूमों की हत्या को अंजाम दे रहे है। ऐसे ही एक अंतर्राज्यीय गिरोह का खुलासा शनिवार रात को हुआ जब एसटीएफ की टीम ने ट्रांसयमुना कॉलोनी में एक घर पर छापा मार कार्यवाही को अंजाम दिया। कार्यवाही के दौरान घर से दो पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मिलीं। इस घर से एक महिला को गिरफ्तार किया गया। पता चला कि यह महिला भ्रूण लिंग परीक्षण अंतर्राज्यीय गिरोह की सरगना है। इस कार्यवाही से पहले एसटीएफ ने अछनेरा में छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया। इस पूरी कार्यवाही में एसटीएफ ने सरगना सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बताया जाता है कि एसएटीएफ को एक महीने पहले मुखबिर से सूचना मिली थी कि भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाला गिरोह सक्रिय है। इस पर छानबीन शुरू की गई। गिरोह के तार मध्य प्रदेश से भी जुड़े हुए थे। टीम तीन दिन से रेकी करने में लगी हुई थी। शनिवार को गिरोह के अछनेरा में एक गर्भवती महिला का परीक्षण करने पहुंचने की जानकारी मिली थी। इस पर टीम ने जिलाधिकारी से अनुमति ली और फिर टीम ने घेराबंदी करके अछनेरा में संचालित गिरोह को पकड़ लिया। गर्भवती महिला भी साथ थी, जिसका भ्रूण लिंग परीक्षण किया जाना था। टीम ने महिला के पति को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए लोगों से पूछताछ में पता चला कि इस अवैध कारोबार की सरगना ट्रांस यमुना कॉलोनी में रहती है। देरशाम टीम ने छापामार मास्टरमाइंड सरगना सरिता को उसकी कोठी से गिरफ्तार किया।
सरिता और धीरज है मास्टरमाइंड:-
एसटीएफ के मुताबिक, गिरोह की मास्टरमाइंड सरिता और धीरज हैं। सरिता एक अस्पताल में नर्स है, जबकि धीरज को एजेंट डाक्टर बुलाते हैं। सरिता वर्ष 2016 में भी इसी अवैध कारोबार में पकड़ी जा चुकी है।
नर्स है मास्टरमाइंड सरिता:-
सरगना महिला सरिता एत्माद्दौला क्षेत्र के एक अस्पताल में नर्स है। एत्माद्दौला और ट्रांस यमुना क्षेत्र अवैध हॉस्पिटलों की मंडी के लिए भी प्रसिद्ध है। सरिता लिंग परीक्षण करने के लिए
पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्तेमाल करती है। सरिता की कोठी में बेड से दो पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मिलीं। वहीं धीरज की गाड़ी से एक मशीन मिली।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में सक्रिय हैं गिरोह:-
सरिता और धीरज के एजेंट यूपी के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सक्रिय हैं। जो ऐसे परिवार या गर्भवती महिलाओं को ढूंढने का काम करते हैं। जो भ्रूण लिंग परीक्षण कराना चाहते हो। एक परीक्षण के पांच से दस हजार रुपये की मांग की जाती है। देहात के इलाकों में यह ज्यादा सक्रिय रहते हैं। जब कोई भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए तैयार होता है तो अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर सरगना धीरज और सरिता अपनी गाड़ी से पहुंचते हैं। मशीन से चेकअप करने के बाद ही भ्रूण लिंग (लड़का-लड़की) के बारे में बताते थे। इसके बाद रकम ले ली जाती थी। एजेंट को कमीशन के रूप में एक से चार हजार रुपये तक देते थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी:-
एसटीएफ के मुताबिक अछनेरा में पकड़े गए आरोपियों में मुरैना निवासी धीरज कुमार, मोहित, अछनेरा के नगला मुरली निवासी मोहन सिंह, रैपुरा जाट निवासी योगेंद्र कुमार, जोगेंद्र कुमार, गांव गोपऊ निवासी भरत सिंह (गर्भवती महिला का पति), ग्वालियर के सिरौल निवासी रंजीत यादव, धौलपुर के बसई नवाब निवासी भरत लोधी हैं, जबकि धीरज से पूछताछ के बाद ट्रांस यमुना कालोनी स्थित एक कोठी से सरिता पकड़ी गई।
बरामदगी:-
एसटीएफ को इस कार्यवाही के दौरान आरोपियों के पास से 11 मोबाइल, 90 हजार रुपये और चार मशीन बरामद की गई हैं। दो मशीनें सरिता के घर से एक अछनेरा से और एक धीरज की गाड़ी से बरामद की गई है।
यह रहे टीम में शामिल:-
नोडल अधिकारी डा. आरके अग्निहोत्री, डा. नंदन सिंह, एसीएम तृतीय महेंद्र कुमार, एसटीएफ के निरीक्षक हुकुम सिंह, एसआई मानवेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, प्रशांत कुमार आदि रहे।
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